चांद रात
हर तरफ थी रौशनी हर तरफ था उजाला एक मेरे ही घर अंधेरा था चांद रात को गुल खिल गई थी कली मुस्करा रही थी एक मैं ही उदास बैठा था चांद रात को मैं तुम्हारी जिंदगी की सलामती के लिए बाबर तुम्हारा सदाका निकाल रहा था चांद रात को तेरे बगैर कैसी होगी इस […]