रसाल सिंह ‘राही’ की प्रेम कविताएँ
प्रेम में बंध कर ~~~ कौन हो आप क्या लगते हो आप मेरे मुझे आपसे इतना प्रेम क्यों है कुछ नहीं जानता मैं मग़र अब आप की ही तरह मुझे इन पहाड़ों से प्रेम है मुझे झील झरनों से प्रेम है मुझे क़िताबों से प्रेम है और मैं ये भी जानता हूँ कि प्रेम एक […]
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कविता