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किरण बैरवा

अश्रु रोके रुके नहीं – पहलगाम आतंकी हमले पर ये क्या लिख दिया मशहूर कवयित्री किरण बैरवा ने जो भी पढ़ा रो दिया आप भी पढ़ें

कविता – अश्रु रोके रुके नहीं भू अम्बर भी शर्मसार हुआ ये कैसा हमलावार हुआ बेजान शव रखा गोद में अश्रु रोके रुके नहीं छटपटा रहा तन मन जिसका अर्थ न कुछ रह जाता मौन हो गई प्रकृति जिसकी कश्मीर जो कहलाता   उठो तुम बताओ सबको सुकून कैसे खो गया हिंदू मुस्लिम के नाम […]

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कविता

पहलगाम हादसा

कभी सोचा नहीं था कश्मीर की वादियों में ऐसा माहौल बनेगा ऐसा ख़ौफ़नाक मंज़र ऐसा दर्दनाक हादसा देखने को मिलेगा जिससे सबकी रूह कांप उठी है जिस तरह से लग रहा था कि कश्मीर के हालात बेहतर हो गये हैं मग़र यह सब देखकर लगता है कि ऐसा नहीं हुआ और अब ऐसा लग रहा

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