“मिट्टी की सौगंध”

“मिट्टी की सौगंध” मित्राणि धन धान्यानि प्रजानां सम्मतानिव । जननी जन्म भूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥ मित्र, धन्य, धान्य आदि का संसार में बहुत अधिक सम्मान है। (किन्तु) माता और मातृभूमि का स्थान स्वर्ग से भी ऊपर है। मेरी मातृभूमि अनेकता में एकता के नारे में समां विश्वविख्यात हुई हैं। अब नये दौर में इस मिट्टी […]

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