आज जब रचनात्मकता अनेक माध्यमों से बिखर रही है, तब ऐसी पुस्तकें लेखन को एक संरचित और गरिमामयी मंच देती हैं। यह पुस्तक बताती है कि कविता का स्वर अब भी जीवंत है, और उसकी गूंज समाज के हृदय तक पहुँचने में सक्षम है। प्रत्येक रचनाकार ने अपनी कविताओं में जीवन के किसी न किसी पहलू को सजीव किया है — जैसे “माँ ख्वाब में आती है”, “उम्र की साँझ”, “कागज़ कोरा कागज़”, “कैसा दौर आया” जैसी कविताएं पाठकों को भावुक ही नहीं करतीं, बल्कि सोचने पर विवश भी करती हैं। ये कविताएं पाठक को भीतर तक झकझोर देती हैं — कभी आत्मावलोकन के लिए, तो कभी भावनात्मक जुड़ाव के लिए। संपादन की दृष्टि से यह संग्रह उन सभी स्वरूपों को समेटता है, जिनमें कविता सांस लेती है — गीतात्मकता, मुक्त छंद, शृंगार, करुणा, प्रहार, विचार और दर्शन। “क्षितिज संवाद” में हर रचनाकार की कविता एक अलहदा रंग लिए हुए है, और जब ये सभी मिलते हैं, तो साहित्य का एक इंद्रधनुष आकार लेता है। प्रिय पाठकों! जब आप इस संग्रह के पृष्ठ पलटें, तो इन रचनाओं को केवल शब्द न समझें — ये संवेदनाओं की सरगम हैं, आत्मा की पुकार हैं। इन्हें पढ़ते समय मन के द्वार खोलिएगा। हो सकता है, इनमें आपको अपना कोई खोया हुआ अक्स मिल जाए। अंततः, मेरा यह मानना है कि कविता केवल पढ़ी नहीं जाती, महसूस की जाती है; और “क्षितिज संवाद” इसी एहसास की यात्रा है।
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क्षितिज संवाद काव्य संग्रह । Kshitij Samvad Kavya Sangrha
₹299.00 – ₹398.00
Free Instant DeliveryWeight | 0.250 kg |
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Dimensions | 14 × 1 × 21 cm |
Book Type | Paperback, e-book |
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