“सुहागन वेश्या” कहानी संग्रह मेरे जीवन की पहली पुस्तक है, जो मेरे अनुभवों, समाज की जटिलताओं और मानवीय संबंधों के विविध रंगों को शब्दों में संजोने का प्रयास है। इस संग्रह में 14 कहानियाँ हैं, जो न केवल मानवीय भावनाओं की गहराई को उजागर करती हैं, बल्कि जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करती हैं। हर कहानी एक अलग संघर्ष, एक अलग दर्द, और एक अलग मोड़ को दर्शाती है, जो पाठकों को सोचने और महसूस करने पर मजबूर कर देगी।
“पहली मुलाकात” और “अनमोल मिलन” जैसी कहानियाँ हमें प्रेम की कोमल भावनाओं से रूबरू कराती हैं, जहाँ सच्चे प्रेम की मासूमियत और उसकी अनमोलता की झलक मिलती है।
“सुहागन वेश्या” और “शिकारी मर्द” जैसी कहानियाँ समाज के उस कड़वे सच को सामने लाती हैं, जिसे अनदेखा करना आसान है, परंतु नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता। ये कहानियाँ समाज की पाखंडपूर्ण सोच और स्त्रियों के साथ किए जाने वाले अन्याय को बड़ी गहराई से प्रस्तुत करती हैं।
“अधूरी मोहब्बत”,”अधूरे ख़्वाब”, और “छोटू का संघर्ष” में जीवन की कड़वी सच्चाइयों को दर्शाया गया है, जहाँ सपने अक्सर अधूरे रह जाते हैं, और हर व्यक्ति को अपने हिस्से का संघर्ष करना पड़ता है।
इस संग्रह की कहानियाँ पाठकों को सिर्फ मनोरंजन नहीं देंगी, बल्कि उन्हें जीवन और समाज के गहन प्रश्नों पर चिंतन करने के लिए प्रेरित करेंगी। यह पुस्तक मेरे लिए एक साधारण प्रयास से बढ़कर है; यह मेरे दिल और दिमाग की गहराइयों से निकला हुआ एक ईमानदार अभिव्यक्ति है। मुझे विश्वास है कि यह संग्रह आपके दिल को छुएगा और आपको सोचने पर मजबूर करेगा।
आपके साथ इस यात्रा की शुरुआत करते हुए मैं उम्मीद करता हूँ कि यह किताब आपको भी उतनी ही गहराई से प्रभावित करेगी, जितनी गहराई से मैंने इसे लिखा है।
– सागर यादव ‘जख्मी’
संपर्क सूत्र – 9819273616
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