रग रग में आस्था भरे
भक्ति ज्योत हृदय जले
करे पूजन माता के नौ रूपो का
मन में श्रद्धा सुमन पुष्प लिए
नव रंग ,नव रूप, नव साज लिए
मन में उमंग और हृदय उल्लास लिए
सुने हम गाथा माता की मन में विश्वास लिए
ये है गाथा मां दुर्गा की नव स्वरूपों की
नाम है जिनके पावन ,और पूजित
हर रूप की है महिमा न्यारी
हर स्वरूप है माता का भक्तों के लिए शुभकारी
प्रथम स्वरूप शैलपुत्री,दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणी
तीसरा स्वरूप चंद्रघंटा,चौथा स्वरूप कूष्मांडा ,
पांचवा स्वरूप है स्कंदमाता,छठा स्वरूप कात्यायनी, सातवां स्वरूप है कालरात्रि
आठवां स्वरूप है महागौरी, नौवा स्वरूप है सिद्धिदात्री
आज सुने हम गाथा मां दुर्गा के सातवें स्वरूप की
स्वरूप जिसका है भयंकर पर भक्तों के लिए है शुभकारी नाम है जिनका कालरात्रि
अंधकार स्वरूप लिए भयंकर
खुले केश और है त्रिनेत्र धारी
गले विद्युत माला ,हाथ में लौह कांटा और खड्ग है साजे
गंदर्भ सवारी लेकर माता अपना अलौकिक रूप ले आए
नाम से ही ज्ञात होती हैं महिमा माता की
काल के अंधकार को माता दूर भगाती
देती आशीष भक्तों को शक्ति का
मन में निडरता साहस है भरती
कालरात्रि माता का नाम ही पावन
उच्चारण मात्र से ही दूर हों जाती नकारात्मक शक्तियां
भूत ,प्रेत ,दानव और दैत्य सारे
स्वरूप भयंकर ऐसा माता का
नाम से जिसके कांपे सारी असुरी सेना
माता का ये स्वरूप है पावन
भज लो भक्तों मां के नौ रूपो के भजन
माता दुर्गा की महिमा गावो
हर घर ,हर मंदिर मा के दीप जलाओ
हृदय में हो भक्ति की गंगा और बहे ये निरंतर
बनकर भक्ति धारा
जय माता दी 🙏
जय माता कालरात्रि
जय हो माता शुभंकरी
निरंजना डांगे
बैतूल मध्यप्रदेश