शहादत के सूरज आ रहे हैं।
सबको याद दिला रहे हैं।।
यह याद आ रहे हैं।
सबको पास बुला रहे हैं।।
मातृभूमि पर मर मिटने की।
यह सीख दे रहे हैं।।
कहीं ना कहीं हम सभी को।
यह सीख दे रहे हैं।।
यह ना कभी ढलेंगे।
निरंतर यूं ही जलते रहेंगे।।
सभी को याद आते रहेंगे।
अपनी महत्ता को दर्शाते रहेंगे।।
यह सूरज सबको दिखाई देते रहेंगे।
निरंतर चलते दिखाई देते रहेंगे।।
आओ हम सभी इन्हें याद कर दें।
इनकी बलिदानी को शीश नमन कर लें।।
डॉ राम शरण सेठ
छटहाॅं मिर्जापुर उत्तर प्रदेश