india pakistan relations

कर सामना हर चुनौती का मैं, बस आगे ही बढ़ता रहा…

  हुए ज़ुल्म इतने मुझ पर, फिर भी यारों मै अडिग रहा, चलता रहा मुश्किलों का दौर, मैं आगे ही  बढ़ता रहा! है देखा मैंने जाना भी, उनके उन हर अरमानों को भी, यूँ परेशानियों  को देख मेरे,वो मुस्कुराता रहा “प्रताप”,   रुक रुक कर मेरे राह पर,है बस कांटे ही बिछाता रहा, सब मुश्किलों का मुकाबला […]

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कविता

लहू खौल रहा सबका, अब युद्ध आर-पार का होगा….

  हो ऐसी ललकार हर तरफ़ से, अब बदला लेना होगा, शस्त्र उठा हाथों में यारों, दुश्मन को ललकारना होगा! सरहद की माटी पुकारे, कब तक जुल्म सहना  होगा, उठे दिलों में शौर्य-ज्योति,इस अंधेरे को हटाना होगा!   हैं तलवारें भी कहने लगी,हम पर धार नई कब होगी, तैयार हैं बंदूकें सारी,अब हिसाब बराबर करनी होगी!

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कविता
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