कर सामना हर चुनौती का मैं, बस आगे ही बढ़ता रहा…
हुए ज़ुल्म इतने मुझ पर, फिर भी यारों मै अडिग रहा, चलता रहा मुश्किलों का दौर, मैं आगे ही बढ़ता रहा! है देखा मैंने जाना भी, उनके उन हर अरमानों को भी, यूँ परेशानियों को देख मेरे,वो मुस्कुराता रहा “प्रताप”, रुक रुक कर मेरे राह पर,है बस कांटे ही बिछाता रहा, सब मुश्किलों का मुकाबला […]
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कविता