युद्ध का बिगुल बजाओ
हम ही राम भी है जपते हम ही कृष्ण भी है जपते हम जपते हैं विष्णु हम ही शिव भी जपते हम हिन्दू है शिव को भी है पूजते शिव है प्रलयकारी शिव है तांडव भी करते जब जब कोई अधर्म बड़े शिव नेत्र अपना तीसरा खोल वध उनका है करते यही है […]
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कविता