हम ही राम भी है जपते
हम ही कृष्ण भी है जपते
हम जपते हैं विष्णु
हम ही शिव भी जपते
हम हिन्दू है शिव को भी है पूजते
शिव है प्रलयकारी
शिव है तांडव भी करते
जब जब कोई अधर्म बड़े
शिव नेत्र अपना तीसरा खोल वध उनका है करते
यही है क्षत्रपति शिवाजी
यही है वीर सांभा राजे भी
जिन्होंने किए थे युद्ध स्वराज के लिए
जिन्होंने ललकारा था कट्टरपंथी को
आज फिर युद्ध का बिगुल बजाओ
जागो हिंदुओं अपना हिंदू धर्म निभाओ
बहुत देख लिया बहता हुआ खून हमने अपनो का
बहुत ओढ़ लिया चोला खामोशी और भाई चारे का
आज मिलकर जयघोष करो
कट्टरपंथियों का संहार करो
आज बनो तुम सब शिव से
आज तुम सब शिवा और सांभा राजे बनो
कलम में आक्रोश है
मन में भी ज्वालामुखी भरो
ऊंची करो आवाज अपनी
अब तुम भी अपना धर्म निभाओ

निरंजना डांगे
बैतूल मध्यप्रदेश