रेखा को वो पुराना घर किराए पर मिला था—शहर की हलचल से थोड़ा दूर, शांत और पेड़ों से घिरा हुआ। एक लेखक के लिए इससे अच्छी जगह क्या होती? एकांत, शांति और समय।
घर में सब कुछ ठीक था, बस ऊपर की एक खिड़की अजीब लगती थी। वो खिड़की बाहर की ओर खुलती थी, लेकिन अंदर से बंद नहीं होती थी। जब भी रेखा सीढ़ियाँ चढ़ती, वो खिड़की खुली मिलती… हवा नहीं थी, लेकिन पर्दा हर बार हिलता रहता।
शुरू में उसने ध्यान नहीं दिया। लेकिन फिर, एक रात, जब वह अपनी किताब पर लिख रही थी, उसने खिड़की के पास किसी के चलने की आहट सुनी। झांककर देखा—कुछ नहीं। सिर्फ एक बूढ़ी औरत की हँसी जैसी कोई हल्की-सी ध्वनि… और फिर सन्नाटा।
अगली सुबह उसने पड़ोसियों से पूछा, “इस घर में पहले कौन रहता था?”
एक बुज़ुर्ग महिला बोली, “अरे बिटिया, ये तो मिसेज दयाल का घर था। अकेली रहती थीं। खिड़की के पास कुर्सी लगाकर बैठती थीं हर शाम। लोगों को देखते, चाय पीते… लेकिन एक दिन यहीं खिड़की के पास ही…”
“क्या हुआ?” रेखा ने पूछा।
“वहीं उनकी मौत हो गई थी। उम्र हो गई थी।”
रेखा थोड़ी हँसी, “भूत-प्रेत में विश्वास नहीं करती मैं।”
उस रात फिर खिड़की खुली। लेकिन इस बार रेखा ने वहाँ कुर्सी रख दी और खुद बैठ गई। “अगर कोई है, तो सामने आओ,” उसने कहा।
कुछ नहीं हुआ। पर अचानक टेबल पर रखा चाय का कप बिना छुए हिलने लगा। और फिर किताब के पन्ने पलटे।
उस पर एक पंक्ति उभरी—
“मैं हर दिन तुम्हारी कहानियाँ पढ़ती हूँ। तुम अच्छा लिखती हो।”
रेखा की साँसें थम सी गईं। पर डर के बजाय उसके चेहरे पर मुस्कान आई।
उसने धीरे से कहा, “ठीक है, मिसेज दयाल। कल से एक कप चाय आपके लिए भी रखूँगी।”
अब हर शाम खिड़की खुलती थी। दो कप चाय रखे जाते थे। और रेखा को महसूस होता—वो अकेली नहीं है। किसी ने उसके शब्दों में एक सच्चा पाठक पा लिया था.
*परिचय*
नाम :- सुनीता कुमारी
जन्म- १० अप्रेल १९७५(1975) हीरानगर
व्यवसाय: – अध्यापिका
सम्मान :- “नेशन बीलडर अवार्ड 2023”
प्राइड ऑफ़ इंडिया अवार्ड , राष्ट्रीय आदर्श शिक्षक पुरस्कार२०२३ (सहारा चैरिटेबल ट्रस्ट )
राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान (संगम अकादमी राजस्थान) श्री उदय प्रकाश सम्मान ( इंकलाब पब्लिकेशन) स्वर्न आभा साहित्य सम्मान (साहित्य अर्पण) हिन्दी सेवा रत्न सम्मान 2024
Top 100 Teachers Award २०२३
शास्त्री सुरेन्द्र दुबे ‘अनुज जौनपुरी ‘ सम्मान
डाॅ. आचार्य हीरेंद्र गौतम सम्मान,सृजन शिखर हिन्दी साहित्य सम्मान
प्रकाशन – काव्य संग्रह ‘ मेरे हमदम ‘
साँझा संकलन- ‘नई उड़ान’ ,नई उड़ान-२’, नई उड़ान-३’, हवाओं का आँचल’, ‘रुह तक’, ‘शान-ए-तीरंगा ,मन की बातें ,ह्रदय स्वर, काव्यदीप , दियाप्रीत और जीवन परिचय
पता:- गाँव जांड़ी,हीरानगर ,कठुआ जम्मू कश्मीर