हिन्दी दोहे- उदित करो शुभ कर्म

अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें।

राजीव नामदेव

राना कहता आपसे,उदित करो शुभ कर्म।
इसके पहले आपको,पड़े निभाना धर्म।

हर कामों के धर्म हैं,जिनको कहें उसूल।
राना होते है उदित,उसी तर्ज पर फूल।।




 

अंतराल से मित्र जब,आकर दे सम्मान।
आज उदित कैसे हुए,हँसता राना आन।।

अस्ताचल के बाद ही,सदा उदित हो भान।
राना यह संसार का,सबसे सुंदर गान।।




 

अब गुदड़ी के लाल भी,करते बहुत कमाल।
राना होकर वह उदित,जग में देते ताल।।




 

 

✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top