कभी सोचा नहीं था कश्मीर की वादियों में ऐसा माहौल बनेगा ऐसा ख़ौफ़नाक मंज़र ऐसा दर्दनाक हादसा देखने को मिलेगा जिससे सबकी रूह कांप उठी है
जिस तरह से लग रहा था कि कश्मीर के हालात बेहतर हो गये हैं मग़र यह सब देखकर लगता है कि ऐसा नहीं हुआ और अब ऐसा लग रहा है कि जैसे चारों ओर बस
ख़ामोशी ही ख़ामोशी छाई हुई है सब कुछ मुरझाया हुआ सा नज़र आ रहा है हर किसी के अंदर डर सा बैठ गया है उन बेगुनाहों की चीखें पूरी दुनियां में गूँज रही हैं
अब कोई वहां जाने के लिए सोचेगा भी नहीं ऐसे हालात पैदा करके क्या साबित करना चाहते हैं शरारती तत्व?
उन्होंने कभी ऐसा सोचा भी नहीं होगा कि उनके साथ ऐसा होगा वहां पर जिस जगह को जन्नत कहा जाता है
क्या कसूर था उनका? क्या बिगाड़ा था किसी का उन्होंने? उन बेगुनाहों को आखिर क्यों मौत के घाट उतार दिया गया? आखिर क्यों? जो सिर्फ वहां पर खुशियां मनाने के लिए खुशियां बांटने के लिए गये थे मग़र वो वहां से क्या लेकर आये क्या खोकर आये हैं इस बात का
एहसास तो सिर्फ और सिर्फ उनको ही है जिन्होंने यह मंज़र यह हादसा अपनी आंखों के सामने देखा है

~ रसाल सिंह ‘राही’