डा.नरेश कुमार ‘सागर’ की ग़ज़ल – खामोशी अब अच्छी नहीं सरकार जी..?

अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें।

आखिर कब तक, शोक मनाऊं मुझको ये बतला देना ?
एक बार ज़ालिम चेहरों को, हमको भी दिखला देना।।

पहले कुछ पूछेंगे उनसे, मानवता दिख लाएंगे।
सच ना बोला गर वो कातिल, टुकड़ों में बट बाएंगे।।




 

आखिर कब तक खूनी खेल ये, घाटी में खेला जाएगा ?
मेरे घर में घर वालों को ,कब तक यूं मारा जाएगा ??

जाति धर्म नाम पूछकर, अब तो मारा जाता है।
आखिर सीमा के अंदर, दुश्मन कैसे आ जाता है??




 

बेकाबू ये दानव चेहरे ,कब तक हमसे खेलेंगे ?
कब तक अपनों के ग़म को, आखिर हम यूं झेलेंगे ??

कुछ तो हमको भी अब, उन जैसा करना होगा ।
बदला तो बदला है आखिर, हमको भी लेना होगा।।




 

फौजी के हाथों को अब तो, कुछ ढीला करना होगा।
दुश्मन से दुश्मन की तरहा, एक दिन तो लड़ना होगा।।

कब तक मासूमों की लाश पर, आंसू बहाया जाएगा ?
आखिर किस दिन दरिंदों को, मिट्टी में मिलाया जाएगा ??




 

पहलगाम की ये घटना, कितना सबको रूला गई।
आंखे चुपके-चुपके रोई, दहशत दिल में बिठा गई।।

खामोशी ज्यादा भी अच्छी,होती नहीं सरकार जी।
जनता अपने अपनों का, मांगे तुमसे बलिदान जी।।

 

 

बोलो क्या सोचा है तुमने, क्या अब कदम उठाओगे ?
ज़ालिम के सीने पर चढ़कर,कब नामोनिशां मिटाओगे ??

‘सागर’ देश का बच्चा – बूढ़ा, लड़ने को तैयार खड़ा।
नहीं सहेंगे अब और हमले, कहने को तैयार खड़ा।।




…………
डा.नरेश कुमार ‘सागर’
*गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज*
9897907490

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top