तिरंगा
78 वां स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए , मैंने अपनी ओर से विशेष रूप से तिरंगा पर देशभक्ति रचना की है । तिरंगा हीं मेरी आन है , तिरंगा हीं मेरी शान है तिरंगा हीं मेरी जान हैं ।। जिन्दगी से हार कर भी , हम जीत जाते हैं , वो कफन जब उनका तू […]
एक प्रसिद्ध राजा था । जिसका नाम रामपाल था । अपने नाम की ही तरह प्रजा की सेवा हीं उनका धर्म था । उनकी प्रजा भी उन्हें राजा रामपाल की तरह हीं पूजती थी । राजा रामपाल सभी की निष्काम भाव से सहायता करते थे । फिर चाहे वो उनके राज्य की प्रजा हो या
ग़ज़ल… दिलों से आग नफ़रत की बुझाओ तुम मग़र इन फ़ासलों को भी मिटाओ तुम नहीं अल्फ़ाज़ कोई मिल रहा मुझको लिखूं मैं क्या यहां कुछ तो बताओ तुम मुहब्बत इश्क़ की ना बात करना तुम कभी जब दास्तां दिल की सुनाओ तुम मुसाफ़िर हैं सभी अनजान राहों के किसी से भी नहीं यह दिल
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ग़ज़लग़र टूटा दिल, तन्हाई संग होता यहाँ.. ग़र टूटता जब तारा आसमां में, उसे देख मन्नत मांगते हैं यहाँ सभी, न जानें टूटे हुए दिल को देख, है क्यूं हसीं यहां उड़ाते यारों सभी! टूटे दिल की चीखें हैं कौन सुने, हर चेहरा मुस्कुराता है दिखता यहाँ! अंदर की दरारें हैं दिखती नहीं, बस ज़ख्मों पे नमक
ग़र टूटा दिल, तन्हाई संग होता यहाँ.. Read More »
कविताअच्छा हुआ तुमने मुझसे, अब किनारा कर लिया, था अपना कभी बनाया, है अब बेगाना कर दिया। टूटे अरमानों की चुभन सीने में बसती है अब मेरे, हर साँस यादों की परछाई से, था ऐसा भर दिया! अच्छा हुआ तुमने मुझसे, अब किनारा कर लिया, जो ख्वाब हमनें साथ बुने थे रेशम से कोमल
अच्छा हुआ तुमने मुझसे, अब किनारा कर लिया…. Read More »
कवितावरना इतनी अच्छी सी किस्मत मेरी कहां हो… तेरे झील सी आँखों में मेरी हो दुनियां समाया, माथे पर लगा सिंदूर मेरे प्यार की निशानी हो! तेरी मुस्कान जैसे सुबह की पहली हो किरण, हर अंधेरे को चीरती, रौशनी का वो दर्पण हो,! तेरी आँखें लगे जैसे समंदर की सी हो गहराई, हर राज़ छुपाए
वरना इतनी अच्छी सी किस्मत मेरी कहां हो. Read More »
कविता