78 वां स्वतंत्रता दिवस को देखते हुए , मैंने अपनी ओर से विशेष रूप से तिरंगा पर देशभक्ति रचना की है ।
तिरंगा हीं मेरी आन है ,
तिरंगा हीं मेरी शान है
तिरंगा हीं मेरी जान हैं ।।
जिन्दगी से हार कर भी , हम जीत जाते हैं ,
वो कफन जब उनका तू बन जाते हो ।
तिरंगा हीं मेरी आन है ,
तिरंगा हीं मेरी शान है ,
तिरंगा हीं मेरी जान हैं ।।
तिरंगा की पहचान है तीन रंगों की ,
केसरिया , सफेद और हरा ,
सफेद रंग में शोभती है नीले रंग की अशोक चक्र ,
इसलिए तो शान है वतन की ,
लहराए जब तिरंगा , सब साथ – साथ आए ,
वतन की रक्षा का वो गीत गाए ।
तिरंगा हीं मेरी आन है ,
तिरंगा हीं मेरी शान है ,
तिरंगा हीं मेरी जान हैं ।।
केसरिया रंग है साहस और बलिदान का प्रतीक ,
सफेद रंग है शांति और सच्चाई का प्रतीक ,
हरा रंग है उर्वरता और समृद्धि का प्रतीक ,
अशोक चक्र है गतिशीलता और प्रगति का प्रतीक ।
तिरंगा हीं मेरी आन है ,
तिरंगा हीं मेरी शान है ,
तिरंगा हीं मेरी जान हैं ।।
शहीदों को देखकर
जब अपनी आँखें होती हैं नम ,
तू ही तो बनता है हौंसला
तू ही बन जाता है करम ,
इसलिए तू हीं कहलाता है राष्ट्रीय ध्वज ।
तिरंगा हीं मेरी आन है ,
तिरंगा हीं मेरी शान है ,
तिरंगा हीं मेरी जान हैं ।।