डालकर अपने किरदार पर पर्दा
लोग कहते हैं जमाना खराब है
लिवाज बदल लेने से किरदार नहीं बदलते
ऐसे लोगों के किरदार की मेरे पास भी खुली किताब है
हम रखते हैं पाक साफ दिल अपना
और लोग यहां खबरदार नजर आते हैं
ऐ खुदा जब भी मिलूं तुझसे मिलूं
लोगों से मिलता हूं तो कई किरदार नजर आते हैं
बड़ा मुश्किल हो गया पहचान अपने परायों का करना
अब यहां अपने भी करते व्यापार नजर आते हैं
कभी एक पलड़े में रहकर न बोलने वाले
ऐसे लोग आस्तीन के सांप नजर आते हैं
जिसके किरदार में हो शुरू से मक्कारियां
ऐसे लोगों में मुझे गद्दार नज़र आते हैं
हर किरदार के साथ जुबान भी बदल जाती है
ऐसे लोग गजब के फनकार नजर आते हैं
नही साफ करते अपने मन और चरित्र के मैल को
लोगों के किरदार को आंकने के चश्मदीद नजर आते हैं
नही बदलते लोग अपने देखने का नजरिए को
और दूसरों में उनको नकाब नजर आते हैं