मीनू अग्रवाल की कहानी -पुरानी कुर्सी
बाबूराव अब 65 साल के हो गए थे। आँखों से कम दिखाई देता था, हाथ कंपकंपाते थे, और पैरों ने भी जवाब दे दिया था। घुटनों के दर्द के कारण बाबूराव को ज्यादा चलने-फिरने में परेशानी होती थी। परंतु आज भी बाबूराव जिंदादिली की मिसाल थे। अपनी ठहाकेदार हँसी से वे आज भी लोगों को […]
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कहानी, लघुकथा