वरना इतनी अच्छी सी किस्मत मेरी कहां हो…
तेरे झील सी आँखों में मेरी हो दुनियां समाया,
माथे पर लगा सिंदूर मेरे प्यार की निशानी हो!
तेरी मुस्कान जैसे सुबह की पहली हो किरण,
हर अंधेरे को चीरती, रौशनी का वो दर्पण हो,!
तेरी आँखें लगे जैसे समंदर की सी हो गहराई,
हर राज़ छुपाए वो तेरे रसीले गुलाबी होंठ हो!
तेरी बातें है लगती जैसे बहारों का हो तराना,
हर लफ़्ज़ में होता मीठा सा कोई फसाना हो!
तेरा चेहरा जैसे फूलों की रूहानी सी हो रेखा,
जो देख खुदा सोचे, क्या खूब मेरी रचना हो!
तेरी चाल हिरण सी और चेहरे पे हो चंचलता,
हर क़दम वक़्त रुक जाए जब तुम सामने हो!
तेरी हँसी में साज, और मिठास सी सजी हुई,
हर दर्द मिटा दो ऐसी प्यार भरी एहसास हो!
तुम जब पास हो,तो लफ़्ज़ भी कम हैं लगते,
है एहसास जैसे कुछ ज़्यादा कहने लगते हो!
तेरी ख़ामोशी भी कुछ कह जाती हो मुझको,
बिन बोले तेरी रूह मेरी रूह को छू जाती हो!
तेरी एक झलक से दिल को जो आता करार,
जैसे वीराने में भी कोई बहार कभी आता हो!
लगे तेरी परछाई भी मुझ पर जादू कर जाती,
तन्हाइयों को भी तेरे प्यार की आदत लग हो!
जो तुम नजरें झुकाकर चुपके से हो मुस्कुराती,
लगे जैसे खुदा ने दुआ मेरी कबूल कर ली हो!
तेरा साथ हो तो जीवन का सफर आसान लगे,
ज़िंदगी का हर मोड़ अब गुलिस्ता लगता हो!
मेरी दुआओं का असर है शायद तेरा मिलना,
वरना इतनी अच्छी सी किस्मत मेरी कहां हो!
इतनी अच्छी सी किस्मत मेरी कहां हो…..