विजय गर्ग की कहानी- भेंट

बूढ़े की श्रद्धा देखकर रंजन साहब भावुक हो उठे। जाने क्यों कोने पड़े उपहारों की ढेरी में सबसे कीमती उपहार गठरी में बंधे ये चावल ही जान पड़े। गठरी भी कैसी बिल्कुल दीन-हीन अवस्था में। एक बारगी लगा जैसे सुदामा आ गए हों कृष्ण की द्वारिका में और कृष्ण ने सुदामा की चावल से भरी […]

विजय गर्ग की कहानी- भेंट Read More »