कविराज मुकेशाऽमृतम् की कहानी – विश्वमहामारी

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आज हम जिस देश को एशिया का ‘मरीज’ कहते हैं,या उसे एशिया के ‘मरीज’ के नाम से जानते हैं। कुछ लोग तो उसे सोया हुआ ‘शैतान’ भी कहते हैं। वह वास्तव में ही एशिया का मरीज हैं। जोन्स “अब वह एशिया ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व का मरीज हैं।” डाल “वह केवल मरीज ही नहीं, विश्व को मरीज बनाने वाला मरीज हैं, देखिए आज जो, यह संक्रमण की बीमारी संसार में फैल रहीं हैं। वह ऐसा लगता है, जैसे कोई ला इलाज बीमारी हो।” जोन्स “मैं मानता हूँ, इसका इलाज नहीं हैं,लेकिन मैं आप लोगों से यह पूछता हूँ, कि हमारी ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ क्या कर रहीं हैं? झक मार रहीं हैं, तीन लाख से अधिक लोगों की मौत हमारे ही देश में हो चुकी हैं।पूरी दुनिया में एक करोड लोगों की मौत हो चुकी हैं।” जोन्स “अब हमें हीं कुछ करना होगा, उस भारतीय वैज्ञानिक से सम्पर्क करों जो इसका इलाज ढूँढने में अभी कामयाब नहीं हुआ हैं, शायद वह हम लोगों की मदद को पाकर उसमें कामयाब हो जाए।” डाल “ठीक हैं।” मैरी “मुझे तो नहीं लगता कि इसका हल हमें किसी भी भारतीय वैज्ञानिक से प्राप्त होगा। हमें जापान के भी शोध संस्थान में भी नहीं जाना चाहिए, हमें लन्दन में जाना चाहिए वहीं पर इसका हल मिल सकता हैं।” डाल “तो हम अभी तक क्या कर रहें थे?” जोन्स “हम आपकी तरह चूड़ियाँ नहीं पहने हुए हैं, जो केवल लन्दन के ही भरोसे रहे, हमें इसको रोकना हैं, चाहे वह किसी भी देश के वैज्ञानिकों के द्वारा रुके”। मैरी “लो मैं उन चूड़ियों को तोड़ दे रहीं हूँ।” डाल “यह क्या कर रहीं हैं?आप तो इसे भारत की यात्रा से लेकर आई थी।” जोन्स “रहने दीजिए यह कर ही क्या सकती हैं, ‘खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे'”।
मैरी “मैं सच कह रहीं हूँ, इन टूटी हुई चूड़ियों की कसम मैं इंग्लैण्ड जाकर लन्दन से कोरोना का वैक्सीन लेकर ही लौटूँगी, मैं अकेले ही लन्दन जाऊंगी वहां के शोध संस्थान में अपनी आधी संचित दौलत भी खर्च कर दूँगी, गुड बाय।” डाल “आज कल मैरी कुछ जादा ही जिद्दी हो गई हैं।” जोन्स “मैरी को अपने जवानी और सुन्दरता का बहुत अकड़ हैं, वह अपने-आप को महारानी विक्टोरिया समझती हैं।” डाल “ठीक हैं मैरी को जाने दो। इसी के ही साथ आज की सभा यहीं पर समाप्त होती हैं, ‘अब हमें जल्द ही इस विषय पर कठोर कदम उठाने होंगे’।”
मीन-चाऊ “आज बीजिंग ‘बुहान’ शहर की हालत सोचनीय हैं,यहाँ पर आये दिन लाखों चीनियों की मौत इस ‘कोरोना वायरस’ की वजह से होती जा रहीं हैं।” बी-जींग-पा “हम तो हर सम्भव प्रयास कर रहें हैं,लेकिन हमारी प्रयास असफल होती जा रहीं हैं”। मीन-चाऊ “तुम लोग इस देश के पैसों को फालतू में खर्च कर रहें हो, आज अगर जो हमें किसी दूसरे देश से भी कोई टेक्नोलॉजी खरीदना पड़े तो, उसे भी खरीद लो,लेकिन इस वायरस का अन्त कर डालों. इसका इलाज ढूंढ निकालो. इसका इलाज मुझे हर कीमत पर चाहिए, दुनिया में कोई भी वायरस हमसे ताकतवर नहीं हैं। अब जाओ..।” वाई-चैन “मैं आप को पहले ही सलाह दिया था, हमें जैविक हथियार नहीं बनाना चाहिए, यह हमारे शत्रु ही नहीं हमारे लिए भी खतरनाक हो सकता हैं।” मीन-चाऊ “चुप रहो यह चमगादड़ों के खून और मानव के खून के मिश्रण से उत्पन्न हुआ हैं।” वाई-चैन “आखिर कब तक हम इस सच्चाई को छुपायेंगे? मैं सच कह रहा हूँ, हमें सभी को बता देना चाहिए”। मीन-चाऊ “तुम क्या चाहते हो? हमारा पतन! मेरी बात ध्यान से सुनो इस बात को हम छुपा नहीं रहें हैं,बल्कि यह छुप गई हैं, अगर जो तुम और बकवास किए तो तुम्हें जान से मार दिया जायेगा।” वाई-चैन “मैं अब पूरी दुनिया को बताऊँगा।” मीन-चाऊ “सैनिको इसे गोली मार दो।” सैनिक “जैसा आप का आदेश।”
कोरोना वायरस के विषय में हमें गहन अध्ययन से पता चला हैं, कि यह अल्कोहल से समाप्त हो जाता हैं। अर्थात अल्कोहल कोरोना वायरस का शत्रु हैं। अगर जो हम सैनेटाईजर का इस्तेमाल करें तो हम सभी इससे बच सकते हैं। अत्यन्त ही गहन अध्ययन से पता चला हैं, कि यह मौसम परिवर्तनशील राज्यों में जैसे-स्वीस,नेपाल,म्यांमार,बेबीलोन,श्रीलंका, भारत आदि। देशों में अपना कम प्रभाव डाल रहा हैं, क्योंकि मौसम का भी कोरोना पर असर पड़ रहा हैं। वैसे यहाँ के कुछ लोगों के शरीर के अन्दर ऐसा रोग प्रतिरोधक क्षमता हैं, जिससे कोरोना वायरस दम तोड़ दे रहा हैं। मैरी “आप लोग अभी भी इसका इलाज नहीं ढूंढ पायें हैं?” रॉबर्ट “हम इसका इलाज ढूँढने की पूरी कोशिश कर रहें हैं।” मैरी “कब तक इसका हल हमें मिल जायेगा?” रॉबर्ट “अगर जो हमें कोरोना का कारण, लक्षण स्पष्ट रूप से ज्ञात हो जाए,और उसका जन्म किस प्रकार के रासायनिक संयोग से हुआ हैं, इसका पता चल जाए। तो हम इसका वैक्सीन बनाने में कामयाब हो जाएंगे।” मैरी “किस रासायन के संयोग से यह उत्पन्न हुआ हैं?यह हमे पता कैसे चलेगा?” रॉबर्ट “इसके लिए हमें चीन में गुप्तचरों की भाँति, इसकी गुप्त सूचना इकट्ठा करनी पड़ेगी।” मैरी “आखिर क्यों चीन के लोग इसका कारण किसी को बता नहीं रहे हैं?” रॉबर्ट “अगर जो वह हमें सहीं कारण बताते तो अब तक हम उसका वैक्सीन बना चूके होते।” मैरी “बीना बताएँ ही संसार के लोग,जान कैसे गए?” रॉबर्ट “बात यह हैं,कि जो वह कह रहा हैं।वह सही नहीं हैं, हम ने सर्च करके उसको स्पष्ट कर लिया हैं।” मैरी “अब मैं चीन जाऊँगी और वहां से सारी जानकारी हासिल करके यहाँ पर लाऊँगी।” रॉबर्ट “ठीक हैं,लेकिन आप-अपना ध्यान रखना।” मैरी “मुझे कुछ भी नहीं होगा, इसके लिए जो भी मुझे करना पड़ेगा, वह मैं करूंगी।” रॉबर्ट “आप की इच्छा पूर्ण हो, आप को कामयाबी मिले..मेरी शुभ कामनाएँ…।”
बी-जींग-पा “मुझे खुफिया एजेन्सी से पता चला हैं, कि अमेरिका से मैरी नाम की एक आई.एस.कमेटी की सदस्य यहाँ पर खूफियाँ एजेन्सी के रुप में हमारे सभी गुप्त सूचनाओं को इकट्ठा करने आई हैं।” मीन-चाऊ “उसे पकड़कर मेरे सामने लाओ और उसके बाद हम उसे सजा-ए-मौत देंगे।” मैरी चीन जैसे हीं पहुँची उसे यह खबर मिल गई की चीन की सरकार उसे सजा-ए-मौत सुना चूकी हैं। यह जानते भी वह बीजिंग में पहुँच गई और कोरोना के वास्तविकता की जाँच करने लगी, उसी समय उसे गोलियाँ चलने की आवाज सुनाई दी और वह चौंक गई उसके बाद मैरी अपना जान बचाकर स्वदेश को वापस लौटना चाहीं, लेकिन हर तरफ उनकी पोस्टर चिपक गया था। इसी के ही साथ चेकिंग भी हो रहीं थी। अब मैरी को पूरा यकीन हो गया कि वह अब पकड़ी जायेगी और मेरा सारा सपना अधूरा ही रह जायेगा, फिर अचानक ही मैरी को एक ख्याल आया और वह अपना वेश बदलकर नेपाल और चीन के सीमा से सटे हुए पहाड़ी इलाका को निकल गई, और वह पहाड़ों की एक हफ्ते तक चढ़ाई करके नेपाल में पहुँच गयी,भूखी प्यासी मैरी जब नेपाल में पहुँची तो उन्हें एक सुनसान जंगली पहाड़ी इलाके में एक लड़का दिखा मैरी उसे अपने पास बुलाई और उससे पूछने लगी। मैरी”क्या इधर कोई होटल वगैरह हैं?जहाँ खाने को कुछ मिल जाए?” मार्शल “यहाँ दूर-दूर तक कोई गाँव नहीं हैं, और आप होटल की बात करती हैं।” मैरी “कुछ खाने-पीने को मिल जाएगा?” मार्शल “हां मिल जाएगा, लेकिन आप को मेरे साथ चलना पड़ेगा।” मैरी चलते हुए “हाय! मैं मैरी हूँ। और आप का नाम..।” मार्शल “हाय! मैं मार्शल हूँ मेरा नाम मार्शल हैं, मैरी बहुत अच्छा नाम हैं, लेकिन आप यहाँ पर कैसे आ गई इधर तो कोई भी आता-जाता नहीं हैं। ऐसा लगता हैं, आप चीन से भागकर आई हैं।” मैरी “हां मैं वहाँ से अपनी जान बचाकर आई हूँ।” मार्शल “आप कहाँ से है?” मैरी “मैं अमेरिका से हूँ, और आप?” मार्शल “मैं इंग्लैण्ड से हूँ। मैं भी चीन से आकर यहीं पर बस गया हूँ,क्यों यहाँ पर किसी का भी डर नहीं हैं।” मैरी “मैं समझी आप नेपाल से हैं।” मार्शल”नहीं..अब आप अन्दर चलिए।”अन्दर जाकर के मार्शल मैरी को खाना खाने को और पानी पीने को दिया, जब मैरी खा-पीकर, और अन्दर गई तो मार्शल को देखकर चौंक उठी।” मैरी “यह तुम क्या कर रहे हों?” मार्शल “मैं कोरोना का इलाज ढूंढ रहा हूँ ” मैरी “तुम बहुत पागल हो, पता हैं, तुम क्या कर रहे हो?” मार्शल “हां मुझे पता हैं, मैं एक महान खोज कर रहा हूँ।” मैरी “तुम सच में पागल हो गए हो।” मार्शल “हां मैं पागल हो गया हूँ, इसीलिए तो इसका इलाज ढूंढ रहा हूँ, ताकि सम्पूर्ण विश्व के लोग इस कोरोना से मुक्त हो जाए।” मैरी “तुम इसे मजाक समझ रहे हो, जो इतनी आसानी से तुम कोरोना का वैक्सीन बना लोगे, जब बड़े-बड़े वैज्ञानिक भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं, तो तुम यहां अकेले क्या कर सकते हो?” मार्शल “मेरे अन्दर हौसला हैं, उम्मीद हैं, विश्वास हैं, कि मैं वैक्सीन बना लूँगा।” मैरी “फिर भी तुम अकेले कुछ नहीं कर पाओगे।” मार्शल “तो आप मेरी मदद कीजिए।” मैरी “मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकती हूँ,और तुम अब खामोश रहों।” मार्शल “तो फिर बचा लीजिए मेरी हेलेन को, मैं कुछ भी नहीं करूंगा उसी के ही साथ मैं इस पहाड़ी पर जी लूँगा।” मैरी “ठीक हैं, जैसा मर्जी वैसा तुम करों,लेकिन तुम्हारी वो हेलेन कहाँ पर हैं?” मार्शल “मेरी हेलेन काठमाण्डू के एक सिटी हॉस्पिटल में थी और अब वह वहाँ से इंग्लैण्ड चली गई हैं।” मैरी “तुम्हें भी इंग्लैण्ड चले जाना चाहिए था।” मार्शल “मेरा पासपोर्ट खो गया हैं, और मैं यहाँ पर फंस गया हूँ।” मैरी “सो सैड, लेकिन इसके लिए हमें सूक्ष्मदर्शी और कुछ अन्य औजारों की हमें आवश्यकता पड़ेगी।” मार्शल “वह सब मैं यहाँ पर चुराकर रखा हूँ।” मैरी ” चुरा कर! लेकिन कैसे?” मार्शल “मैं चीन के युनिवर्सिटी के लैब से सब कुछ चुराकर यहाँ लाया हूँ” मैरी “तुम उसे चोरी कैसे किए?” मार्शल “इसका स्टाइल मेरे पास हैं, और मैं उसे किसी को भी नहीं बता सकता।” मैरी “ठीक हैं, मत बताओ लेकिन यह तो बताओ तुम कोरोना का वैक्सीन कैसे बनाओगे?” मार्शल “आप तो जानती ही हो, जैसे बुखार सिनकोना की छाल पीने से ठीक हो जाता हैं,और फिर उसी के पीने से हो भी जाता हैं। ठीक उसी प्रकार से कोरोना भी हैं।” मैरी “पर कोरोना बुखार से बिल्कुल अलग हैं।” मार्शल “कोरोना बुखार ही हैं, उससे अलग नहीं है।” मैरी “चलो मान लेती हूँ, कोरोना बुखार ही हैं, लेकिन ठीक कैसे होगा?” मार्शल “उसका सारा बन्दोबस्त मैं कर चूका हूँ, मेरे लैब के अन्दर तो चलिए।” ‘अन्दर जाकर’ मैरी “यहाँ पर तुम इन पशु-पक्षियों को कैद क्यों किए हो?” मार्शल “यहीं हमें कोरोना का वैक्सीन देंगे।” मैरी “वो कैसे?” मार्शल “मैं सभी पर क्रमशः कोरोना के प्रभाव का अध्ययन करुँगा।” मैरी “पर इन चमगादड़ों का क्या करोंगे?” मार्शल “चमगादड़ों से ही कोरोना फैला हैं,ऐसा हर तरफ खबर फैला हुआ हैं इसलिए इन्हीं से मैं कोरोना का इलाज ढूँढ़ूँगा।” मैरी “कोरोना वायरस की असलियत तुम जानना चाहोगे?” मार्शल “जी क्यों नहीं?” मैरी “अब मेरी बात ध्यान से सुनो कोरोना वायरस इन रासायनिक संयोगों से उत्पन्न हुआ हैं । मार्शल सूत्रों का पृष्ठ देखते हुए “क्या?” मैरी “जी हां इसी गुप्त सूचना को प्राप्त करने के लिए मैं, लन्दन के युनिवर्सिटी से यहाँ आई थी। लेकिन न जाने उन्हें मेरे इस खुफिया कार्यवाही की कैसे सूचना मिल गई। और तब मैं जान बचाकर के वहाँ से भागती हुई यहाँ पर चली आई।” मार्शल ” चलो ठीक हैं,लेकिन अब हमें कोरोना से ग्रसित व्यक्ति के खून की आवश्यकता हैं,तभी हम इसका वैक्सीन बना पायेंगे।” मैरी “तुम तैयारी करों मैं किसी तरह से इसकी व्यवस्था करती हूँ।” मार्शल ” ठीक हैं।” उसके बाद मैरी नेपाल के एक गाँव में गई और वहीं से कोरोना के मरीज का पता लगाई, तब उन्हें पता चला कि,वहाँ से दस कोस के दूरी पर एक कोरोना का मरीज हैं। यह सुनते ही मैरी वहाँ पर पहुँच गई और अपने-आप को डाक्टर बताते हुए “आप लोग डरिये मत मैं अमेरिका से आई हूँ,आप सभी की सहायता के लिए। आप को कोरोना हैं, या नहीं इसकी जाँच के लिए मुझे बस आप के शरीर से 20 ML. खून चाहिए। अगर जो जाँच में कोरोना निकल गई तो हम आप का निःशुल्क इलाज करेंगे।” उसके बाद मैरी 20 ML. खून उसके शरीर से निकालकर वापस चली आई। मार्शल मैरी को आता देखकर “मैरी मिल गई?” मैरी “हां मुझे मिल गया हैं,अब तैयारी करों।” मार्शल “मैं तैयार हूँ, ये लो मास्क,दस्ताना इसको पहन लो। अब मैं पहले यह जाँच करता हूँ कि वह कोरोना से सच में पीड़ित हैं। या नहीं” मार्शल जाँच करते हुए, वह तो सच में ही कोरोना से ग्रसित हैं।” मैरी “ठीक हैं, अब प्रेक्टिकल करों।” मार्शल “इसका सबसे पहले रासायन विधि से हल ढूंढता हूँ, अरे! यह क्या? इस पर तो रसायनों का उल्टा प्रभाव पड़ रहा हैं।” मैरी अल्कोहल को गिराते हुए, “तो यह वायरस मरेगा कैसे?” मार्शल “यह तुमने क्या कर दिया, अभी मैं इसकी जाँच करने वाला था।” मैरी “तो क्या हुआ अल्कोहल ही तो मिला हैं, यह लो अब जाँच करों।”मार्शल जब लैब में जाँच करने लगा तो हैरान हो गया, यह क्या यह तो अल्कोहल से नष्ट हो जा रहे हैं?” मैरी ” तो अल्कोहल युक्त वैक्सीन बनाने की रसायन विधि खोजो, ताकि हम इसका इलाज कर सके।” मार्शल “लेकिन मेरे पास इतना रसायन नहीं हैं, आप मेरी मदद करें तो मैं छह-सात महीने में इसकी वैक्सीन तैयार कर सकता हूँ।” मैरी “अब कैसी मदद चाहिए?” मार्शल “मैं जीन रसायनों का नाम लिखकर दे रहा हूँ। उन्हें खरीदकर या किसी अन्य तरीके से आप मुझे लाकर दे दीजिए बस।” मैरी “ठीक हैं, उनके नाम लिखकर दो मैं, अपनी जान की बाजी लगाकर उन्हें लाऊँगी।” “उसके बाद मार्शल 13 रसायनों का नाम लिखकर दे दिया, जिनमें से दस रसायन मैरी पन्द्रह दिन के अन्दर लाकर के दे दी। और तीन रसायन के लिए वह चीन को चली गई”। मार्शल अब अच्छी तरह से प्रयोग करता हुआ, रासायनिक की प्रक्रिया का बारीकी से अध्ययन कर रहा था। उसके दिमाग में केवल इतना ही चल रहा था, कि मैं कोरोना का वैक्सीन बना चूका हूँ। इस प्रकार से उसे तीन महीने लग गए कोरोना का वैक्सीन बनाने में, लेकिन कोरोना का वह पूर्ण वैक्सीन बना नहीं सका और इधर मैरी चीन को जाने के बाद वापस लौट कर नहीं आई। हर तरह से थक-हार कर मार्शल बस ध्यान करने लगा कि मैं कोरोना का पूर्ण वैक्सीन बना चूका हूँ,अरबों लोगों की जिन्दगियाँ बचा चुका हूँ। और पुनः वैक्सीन बनाने में जुट गया। अचानक मार्शल जो देखा उसको देखकर वह चौंक उठा यह क्या? यह तो कोरोना का तोड़ हैं, हाऽऽहा मैं इसे पहले ही बना चूका था लेकिन इस पर मैं ध्यान क्यों नहीं दिया? चलो अब मैं इसका परीक्षण भी कर लेता हूँ। हां मैं इस बन्दर को कोरोना से संक्रमित व्यक्ति का खून लगा दिया था, जिससे इसे कोरोना हो गया था। चलो पहले मैं इसका इलाज करता हूँ। उसके बाद मार्शल वह वैक्सीन उस बन्दर को लगा दिया, दूसरे दिन जब उस बन्दर का कोरोना टेस्ट किया तो देखा बन्दर सौ प्रतिशत कोरोना से मुक्त हो गया था। अब मार्शल के खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा, उसी समय मार्शल को एहसास हुआ कि वह स्वस्थ नहीं हैं। यह आभास होते ही मार्शल अपना कोरोना टेस्ट किया जिसको देखकर वह दंग रह गया यह क्या? यह तो उसको भी कोरोना हो चूका था। परन्तु मार्शल इससे घबराया नहीं और खुशी से बोल उठा “वैक्सीन का परीक्षण पशु पर तो हो गया,इसी बहाने अब इन्सान पर भी परीक्षण हो जायेगा” यह कहते हुए मार्शल उस वैक्सीन को अपनी नस में लगा लिया। दूसरे दिन जब पुनः अपना कोरोना टेस्ट किया तो देखा वह कोरोना से सौ प्रतिशत छुटकारा पा चूका था। यह देखकर मार्शल बहुत ही खुश हुआ। और उसी तरह के वैक्सीन को तैयार करने लगा। उसी समय मैरी उन तीनों रसायनों को लेकर आ गई। मार्शल मैरी को देखते ही “अरे! आप कहाँ चली गई थी?” मैरी “मुझसे दूर ही रहना, मुझे छूना मत मैं कोरोना से ग्रसित हो गई हूँ।” मार्शल “मुझे कोरोना का कोई भी डर नहीं हैं।” कहते हुए मार्शल मैरी का हाथ पकड़ लिया। मैरी हाथ छुड़ाती हुई “तुम पागल हो गए हो ?” मार्शल “यहीं समझ लिजिए।” मैरी क्रोधित होकर “मेरे साथ तुम भी मर जाओगे।” मार्शल “अच्छा ही होगा, कम से कम आप के साथ जी नहीं पाया, मर तो सकूँगा ही।” मैरी “उफ्फ यह क्या दीवानगी हैं?क्या तुम मुझसे प्यार करते हो?जो मेरे साथ मरना चाहते हो?” मार्शल “मरना नहीं जीना चाहता हूँ।” मैरी “लेकिन जब इस लाइलाज ‘विश्व महामारी’ से बचोगे तब ना।” मार्शल “ठीक हैं, अब हम कब तक मरेंगे?” मैरी “तीस दिनों तक तड़फ ने के बाद।” मार्शल “यह मुझसे दर्द नहीं जा सकेगा, इस लिए इस इन्जेक्शन को चलिये एक ही साथ हम दोनों लगाकर आज ही मर जाते हैं।” यह कहते हुए मार्शल उस वैक्सीन को मैरी को लगा दिया और खुद भी लगा लिया उस वैक्सीन के लगते ही मैरी मार्शल को पकड़कर बोलने लगी “तुम मेरे साथ क्यों मर रहें हो, तुम्हारी प्रेमिका का क्या होगा?” मार्शल “जो होगा वह देखा जायेगा।” इसी प्रकार से दो घण्टे का समय बीत गया, लेकिन किसी की मौत नहीं हुआ। मैरी हैरानी!! से “मार्शल हमारी तो मौत नहीं हुई।” मार्शल “होगा भी नहीं।” मैरी “लेकिन क्यों?” मार्शल “क्यों कि वह कोरोना का वैक्सीन था।” मैरी चौक कर “क्या?” मार्शल “बिल्कुल” मैरी “तो तुम मुझे पटाना चाहते थे।” मार्शल “नो मैं आप को हैरान करना चाहता था।” मैरी मार्शल को अपने गले से लगाते हुए “ओके” मार्शल मैरी को अपनी बांहो में भरते हुए “आई लव यू” मैरी “मुझे यह क्यों कह रहे हो?” मार्शल “क्योंकि मैं आप से दिलो जा से प्यार करने लगा हूँ।” मैरी “और तुम्हारी हेलेन का क्या होगा?” मार्शल “वह तीन महीने पहले ही चल बसी उसकी मौत के बाद ये वैक्सीन भी पूर्ण रूप से तैयार हो गई, जब तक वह तड़फ रही थी, तब तक वैक्सीन भी नहीं बना।” मैरी मार्शल के आंसुओं को पोंछते हुए “आँसू मत बहाओ क्यों कि अब मैं तुम्हारे साथ हूँ।और अब हम हेलेन के इस कुर्बानी को बेकार नहीं होने देंगे” मार्शल “हां अब मैं इतना वैक्सीन बनाऊँगा कि अब कोई भी व्यक्ति कोरोना से नहीं मरेगा और यहीं मेरी प्यारी हेलेन को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।” मैरी “तो हमें को कौन-कौन से रसायनों को अधिक एकत्रित करना होगा?” मार्शल “मैं अभी उनकी सूचियां तैयार कर देता हूँ।” मैरी “आज मैं किसी भी प्रकार से यह सन्देश अमेरिका में “जोन्स” के पास भेज देती हूँ।” मार्शल “ठीक हैं, भेज दीजिए” जोन्स “अभी हाल में ही मैरी ने मेरे पास एक मैसेज भेजी थी,कि वह इंग्लैण्ड के एक मार्शल नाम के लड़के के सहयोग से कोरोना का वैक्सीन तैयार कर चूकि हैं। जिसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी उन लोगों ने कर लिया हैं। वह वैक्सीन सौ प्रतिशत काम कर रहा हैं।” डाल “मुझे ऐसा नहीं लगता क्यों कि वह अपनी बनारसी चूड़ियों को तोड़कर गई हैं। मुझे लगता हैं,वह हमें ताने दे रहीं हैं।” जोन्स “तो हम भी तो कुछ नहीं कर पा रहे हैं।” डाल “हां हमें अब तीव्र गति से कार्य करना होगा।” जोन्स “हां मैं शोध संस्थान से सम्पर्क किया हूँ। पता चला हैं, कि वह वैक्सीन बना चूके हैं, लेकिन अभी उसका परीक्षण नहीं किया गया हैं।” डाल “तब तो बहुत ही खुशी की बात हैं! जल्द से जल्द उसका परीक्षण किया जाए।” जोन्स “ठीक हैं।”
मीन-चाऊ मुझे पता चला हैं, कि एक अमेरिकन लड़की अरे! वहीं मैरी जो यहाँ से अपनी जान बचाकर भाग गई थी। वह कमीनी लड़की और वह मार्शल जो हमारी युनिवर्सिटी में पढ़ता था, वह कोरोना का वैक्सीन किसी खास तरीके से बना लिए हैं।” बी-जींग-पा “यह तो अनर्थ हो गया यह श्रेय हमें और हमारे रिपब्लिक को जाना चाहिए था। ढूंढो वह दोनों कहाँ पर छिपकर रह रहे हैं? जब कि वह सब कुछ हमारा ही चुराकर लेकर गए हैं।” मीन-चाऊ ” मुझे पता चला हैं, वह दोनों हमारे रिपब्लिक के सीमा से बाहर नेपाल की सीमा के अन्दर नेपाल में हैं, जहाँ पर हमारी सेना गुप्त रूप से पहुँच सकती हैं।” बी-जींग-पा “तो तुरन्त उन दोनों को पकड़ कर यहां पर लाओ,अगर जो वह यहाँ पर न आए तो उन्हें खत्म कर के कोरोना वैक्सीन के फार्मूले को लेकर चले आओ।” मीन-चाऊ “जैसा आप का आदेश।” दूसरे ही दिन से चीनी फौज नेपाल के पहाड़ी इलाकों में उन दोनों को ढूंढने लगी। मार्शल और मैरी दोनों मिलकर वैक्सीन तैयार करते थे और मैरी गुप्त तरीके से ‘नेपाल स्वास्थ्य मन्त्रालय’ को वह वैक्सीन देती थी। चीनी फौज तीसरे दिन उन दोनों को ढूंढती हुई,उनके पास पहुँच गई और उन्हें गिरफ्तार करने की प्रयास करने लगी। जब यह खबर नेपाली प्रहरी के पास पहुँची तो नेपाल प्रहरी और नेपाली गोरखा रेजिमेंट भी निकल पड़ी “चीनी फौज पहुँचते मार्शल को गिरफ्तार कर ली,और चीन लेकर जाने लगी,लेकिन मार्शल उनका विरोध करने लगा। इससे क्रोध में आकर के चीनी फौज ने मार्शल को गोली मार दी। मार्शल दर्द से तड़पते हुए “तुम लोग बहुत बड़ी भूल कर दिए क्योंकि अब वैक्सीन भी मेरे साथ मर जायेगा।” कहते हुए मार्शल अपना दम तोड़ दिया। मैरी चीनी फौज को देखते ही गुप्त रास्ते से भाग गई थी। और अपनी जान बचाती हुई, पहाड़ी इलाकों से बहुत दूर चली गयी। इधर नेपाली प्रहरी जब वहाँ पहुँची, उससे पूर्व ही चीनी फौज वहाँ से जा चूकि थी। चीनी फौज ने उस कोरोना के वैक्सीन को मीन-चाऊ के सामने प्रस्तुत किया। जहाँ से चीनी रिपब्लिक ने अपने शोध संस्थान को भेज दिया, लेकिन उससे नये वैक्सीन का निर्माण नहीं कर सके,अन्ततः वैक्सीन बनाने में कामयाब नहीं हुए। मैरी जान बचाकर नेपाल से बाहर भाग निकलना चाही और वह भारतीय सीमा की ओर चली आयी।थकी-मादी मैरी जब गण्डगी नदी के तट से गुजर रहीं थी उसी समय वह गण्डगी नदी में गिर पड़ी,उसके पश्चात मैरी जल की धारा में बहते हुए कहाँ चली गई उसे पता ही नहीं चला। जब मैरी को होश आया। तब देखा कि एक लड़का उनके पास हैं, उस लड़के को देखकर मैरी “आप कौन हैं?” लड़का “मैं माध्यमा हूँ,और आप?” मैरी “मैं मैरी हूँ, लेकिन मैं इस समय कहा पर हूँ?” माध्यमा “आप इस समय भारत भूमि के,उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में हैं । मैरी खुशी से “लेकिन मैं यहाँ पर कैसे आ गई?” माध्यमा”आप इस नदी से बहती हुई यहाँ पर आई हैं,वैसे आप नेपाली नहीं लग रहीं हैं! आप किस देश की हैं?” मैरी “मैं अमेरिकन हूँ।” माध्यमा” पर आप यहाँ पर कैसे आ गई?” मैरी “मै सब कुछ बता दूँगी पर उससे पहले कुछ खाने को मिल सकती हैं?” माध्यमा “जी मिल सकता हैं, लेकिन मुझे कोरोना का डर हैं, और हमारे यहाँ बहुत ही भयंकर लॉक डाउन लगा हुआ हैं।” मैरी “कोरोना से डरो मत मेरे पास उसकी वैक्सीन हैं।” माध्यमा आश्चर्य! से “क्या वैक्सीन हैं?” उसके बाद मैरी ने सब कुछ विस्तार से माध्यमा को बता दीया। उसे सुनकर माध्यमा “यह तो अत्यन्त ही दुःखद् बात हैं। ये चीनी तो चील-कौव्वे बन गए हैं।” मैरी “यह बात सच हैं।” माध्यमा “आप मेरे साथ चलिए मैं भी तो अपना घर छोड़कर यहाँ पर आया हूँ।” मैरी “यहाँ पर तुम घर छोड़कर क्यों आये हो?” माध्यमा “मैं बहुत गरीब हूँ, और ईधर कमाने आया था, लेकिन लॉक डाउन हर तरफ लगा हुआ हैं,जिससे मैं यहीं पर फंस गया हूँ।” मैरी “तुम्हारी शादी हुई हैं?” माध्यमा “मुझ गरीब से शादी कौन करेंगी,इसलिए शादी नहीं हुई हैं।” मैरी “तुम्हारा क्या इरादा
हैं शादी के विषय में क्या सोचते हो?” माध्यमा “क्या बताऊँ मैं बचपन में अपनी शादी के विषय में क्या सोचता था?” मैरी “बताओ क्या सोचते थे?” माध्यमा “मैं बचपन में एक अमेरिकन लड़की से शादी करने के विषय में सोचता था। भारत का पी.एम.बनूँगा, लेकिन अब यह कभी भी पूरा नहीं हो सकता हैं।” मैरी “ओहो! तुम बहुत ही ऊँची सोच रखते हो, बिल्कुल मार्शल की तरह।” माध्यमा “लेकिन मैरी जी मैं मार्शल नहीं बन सकता।” मैरी “मुझे बहुत भूख लगी हैं,जल्दी से मुझे कुछ खाने को दो?” माध्यमा रोटी,साधारण नमक देते हुए “यह लिजिए इसे खाइए।” मैरी उसे लेकर खाने लगी। सच हैं, परिस्थितियाँ सब कुछ करने में समर्थ होती हैं, वर्ना मैरी नमक-रोटी को देखने वाली नहीं थी। रहीं खाने की बात तो वह स्वप्न में भी नहीं सोची थी। रोटी खाने के बाद पानी पीते हुए “तुम्हारी एक सपना सच हो सकती हैं।” माध्यमा आश्चर्य से “वो कैसे?” मैरी “मैं जैसा कहती हूँ, तुम वैसा हीं करों अगर जो वैसा करोगे तो…” माध्यमा “मुझे क्या करना होगा?” मैरी “तुम्हें कोरोना का वैक्सीन बनाना होगा।” माध्यमा “लेकिन मैं वैक्सीन नहीं बना सकता हूँ।” मैरी “कमान तुम इसे बना सकते हो।” माध्यमा”मैं जादा पढ़ा-लिखा नहीं हूँ,न हीं मेरे पास कोई धन-सम्पत्ति ही हैं।” मैरी “अगर जो तुम वैक्सीन बना दोगे तो तुम्हें मैं बहुत सारा धन दूँगी, जिससे तुम अमीर हो जाओगे।” माध्यमा “यह मेरा सपना नहीं हैं।” मैरी “फिर भी तुम वैक्सीन बनाओ मैं, कह रहीं हूँ, ना तुम्हारा पहला सपना पूर्ण होगा।” माध्यमा “मेरा पहला सपना पूरा तब होगा जब कोई अमेरिकन लड़की मेरे साथ शादी करेगी, लेकिन मेरे साथ कौन लड़की शादी करेगी?” मैरी “मैं तुम से शादी करुँगी।” माध्यमा अश्चर्य से देखते हुए “क्याऽऽऽक्या आप मुझसे शादी करेंगी?” मैरी “हाऽऽहा शादी करूंगी”
माध्यमा “मजाक तो नहीं कर रहीं हैं?” मैरी “बिल्कुल नहीं” कहते हुए माध्यमा का हाथ पकड़ ली। माध्यमा “आप बहुत ही अच्छी हैं, ठीक हैं। अब मैं वैक्सीन बनाने का प्रयास करूँगा, लेकिन मुझे बहुत सारे किताबों को पढ़ना पड़ेगा। फिर तो मेरा कोई प्रयोगशाला भी तो नहीं हैं।” मैरी “सब कुछ हैं, बस तुम्हें नेपाल के उस पहाड़ी गुप्त रास्ते से…” माध्यमा “ठीक हैं।” उसके बाद माध्यमा और मैरी दोनों उस स्थान को पहुँच गए और सारा सामान ढूँढने लगे लेकिन उन्हें वहाँ पर कुछ भी नहीं मिला। तब मैरी दूसरे गुप्त कन्दरें में जाकर देखी जो मार्शल का प्रयोगशाला था। वहाँ की सारी वस्तुएँ वैसी की वैसी ही थी। मैरी और माध्यमा उसे लेकर सून-सान जंगल के रास्ते से होते हुए वापस चले आए। और वापस लौट कर के एक प्रयोगशाला को बनाया। मैरी “अब हम दोनों रिसर्च करेंगे। और कोरोना का वैक्सीन बनायेंगे। चलो अब तुम भी मेरे साथ एक्सपेरिमेंट करों, इससे पूर्व तुम मास्क, दस्ताना पहन लो।” उसके बाद मैरी माध्यमा के साथ लगातार छः महीनों तक रिसर्च व एक्सपेरिमेंट करती रहीं तब जाकर के वो दोनों कोरोना का पूर्ण वैक्सीन बना पाये। अब सवाल यह था कि, उसकी परीक्षण कैसे किया जाए। मैरी “किसी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को यह वैक्सीन किसी भी प्रकार से लगाकर चले आओ, जिससे इसका सफल परीक्षण भी हो जायेगा।” माध्यमा “ठीक हैं, मैं करीब के गाँव में जाकर एक कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को लगाकर आता हूँ।” उसके बाद माध्यम उस गाँव में जाकर कोरोना से ग्रसित व्यक्ति को वह वैक्सीन लगाकर चला आया जिससे वह पूर्णतः स्वस्थ हो गया।उसके बाद माध्यमा के खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। माध्यमा “मैरी जी यह पूर्णतः काम कर गया।” मैरी “तो आखिर हम कामयाब हो ही गए।” माध्यमा “मुझे यकीन नहीं हो रहा हैं।” उसके बाद मैरी और माध्यमा दोनों मिलकर कई वैक्सीन बनाए और उससे कई कोरोना से ग्रसित लोगों को स्वस्थ किए। यह खबर जब जिलाधिकारी को लगी तो उसने इस खबर को प्रधानमंत्री तक भेज दिया। जिसके बाद माध्यमा और मैरी दोनों को वैक्सीन के साथ हीं हिरासत में ले लिया गया। तथा वैक्सीन को आयुसमन्त्रालय में भेज दिया गया आयुसमन्त्रालय उस वैक्सीन का परीक्षण करके हैरान हो गया तथा सौ प्रतिशत उसे विशुद्ध मानते हुए दुष्प्रभाव रहित सम्पूर्ण कोरोना वैक्सीन घोषित कर दी। उसके बाद उस वैक्सीन का नाम “मैरमाकोवैक्सिन” रखा गया, उसी के ही साथ मैरी तथा माध्यमा को सम्मानित भी किया गया। यह खबर जब अमेरिका के राष्ट्रपति के पास पहुँचा। तो उन्होंने मैरी को वैक्सीन के साथ वापस अमेरिका में बुलाया। लेकिन मैरी खुद अमेरिका न जाकर केवल वैक्सीन को ही अमेरिका को भेज दी,यह देख कर अमेरिकी राष्ट्रपति ने मैरी से अमेरिका वापस न आने का कारण पूछा? जिसके उत्तर में मैरी ने ईमेल लिखते हुए भेजी “मैं एक भारतीय लड़के के सहयोग से इस कोरोना के वैक्सीन को बनाने में कामयाबी को हासिल कर सकी हूँ। वैक्सीन बनाने से पूर्व मैं उस लड़के से वादा की थी, कि उसकी पहली इच्छा उससे शादी करके मैं पूरी कर दूँगी। इसलिए मैं अब उसके साथ शादी करके उसी के ही साथ भारत में ही रहूँगी, वक्त मिलेगा तो अपने हसबैंड के साथ अमेरिका जरूर आऊँगी उससे पूर्व नहीं आ सकती। मेरे समस्त अपराधों को क्षमा! कर दीजिएगा”। माध्यमा और मैरी के असीम मेहनत के ही कारण कोरोना वैक्सीन तैयार हो पाई थी। जिससे विश्व महामारी पराजित हुई और पुनः विश्व की स्थिति सामान्य हो गई। उन दोनों के महान खोज और उपलब्धि के कारण उन्हें अमेरिकन शासन द्वारा ‘नोबेल’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी के ही साथ-साथ अमेरिकन ‘सीनेट’ ने उन दोनों को ‘वॉशिंगटन’ में एक फ्लैट उपहार स्वरूप प्रदान की। ताकि वह दोनों अमेरिका में ही रहे वापस लौट कर भारत नहीं जाए। मैरी और माध्यमा की शादी राजकीय सम्मान के साथ सम्पन्न हुआ। उसके बाद मैरी-माध्यमा दोनों सदैव के लिए एक हो गए तथा अमेरिका में ही दोनों रहने लगे। मैरी की फ्रेंड्स मैरी के पसन्द को देखकर हँसती रहती थी। “मैरी तुम कैसा हसबैंड चुन ली यार, बिल्कुल काला, कितना बदसूरत हैं”। लेकिन मैरी किसी की भी कोई भी बात नहीं सुनती थी, न ही ध्यान ही देती थी। डाल “मैरी मान गया तुम्हारे अन्दर जो जुनून हैं, वह कुछ भी कर सकती हैं। शायद इसीलिए तुम कोरोना का वैक्सीन बनाने में कामयाब भी हो…” डाल की बात काटते हुए मैरी “हां अगर जो मैं हठ करके गई न होती तो शायद यह बन नहीं पाता।” डाल “शायद नहीं, यकीनन नहीं बनता, “माध्यमा से” भाई तुम तो किस्मत वाले हो जो इतनी खूबसूरत वाइफ को प्राप्त कर लिए, लेकिन मुझे हैरानी हो रहीं हैं, तुम जादा पढ़े-लिखे नहीं हो फिर वैक्सीन कैसे बना लिए?” माध्यमा “मैरी के सहीं मार्गदर्शन के कारण” डाल “ओके,मैरी महान हैं, हम सभी…”।

पता-ग्राम- कैथवलिया सर्वजीत, पो.सेमरामहराज, क्षेत्र फरेन्दा, लक्ष्मीपुर, महराजगंज, उत्तर प्रदेश, भारत-273162

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