मां का आंचल है संसार
जिसमें है दुनिया का प्यार
धूप लगे तो मां का आंचल
घनी छांव बन जाता है
भूख लगे तो मां का आंचल
बच्चे का व्यंजन बन जाता है
मां का आंचल प्रेम की छाया
मां का आंचल प्रेम की धार
मां के आंचल में सब सुख हैं
मां का आंचल है संसार…..
मां होती एक वृक्ष के जैसी
जिसका मन एक सुंदर फूल
और बात अगर बच्चे पे आए
वो जाती है सब कुछ भूल
चलते-चलते अगर कहीं हम
हो जाते हैं थक के चूर
बनके रहती ढाल मां हरदम
रखती सब रोगों से दूर
मां की ममता का दुनिया में
अब तक ना है कोई मोल
मां की ममता है दुनियां का
बेशकीमती उपहार अनमोल
जिसके साथ रहे मां हर पल
उसकी होती ना फिर हार
मां के आंचल में सब सुख है
मां का आंचल है संसार…
बेरंग उदासी को मां हर पल
रंगों से भर जाती है
मां गर आंखों से ओझल हो तो
मां की याद बहुत आती है
मां के आंचल में बसता है
मेरा एक पूरा परिवार
मां के आंचल में सब सुख है
मां का आंचल है संसार।।
स्वरचित-मोहिनी उत्तर प्रदेश
अति सुंदर, सर्वोत्तम रचना।
Thank you
Ma ka Anchal, Beautiful Lines ♥️♥️

Thank you
Excellent
Thank you sir
बहुत सुंदर
Very good
Exillent



Exillent


