उत्साह हूँ आनंद हूँ
अंधकार को चीरता रवि हूँ
सत्य की झलक दिखाने वाला
मित्रों मैं एक कवि हूँ
सत्य पथ पर चलता हूँ
आलोचना से कब डरता हूँ
प्रेरित हो इस जगत से
अपनी रचनाये लिखता हूं
दिखाता सबकुछ समाज का
धरती पर समाज का छवि हु
सत्य की झलक दिखाने वाला
मित्रो मैं एक कवि हूँ
लिखना मेरा धर्म है
ना मेरा कर्म है ना मुझे शर्म है
हितकारी हु कल्याणकारी हु
पथ प्रदर्शक कर्म हु
राष्ट्रनिर्माण हेतु हवन में
आहुती हु नवी हूँ
सत्य की झलक दिखाने वाला
मित्रों मैं एक कवि हूँ
(रवि कुमार बख्तियारपुर)