अनकहे जज़्बात

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शब्द अधूरे
लब्ज़ अधूरे,
तुम बिन अधूरे है
सुर सारे संगीत के मेरे
आकर बस जाओ जो तुम इसमें
गुनगुनाऊं मै तुमको इसके हर सुर में
कुछ शब्दो में तुझे निहारूं
कुछ में तेरा मासूम सा चेहरा
कुछ सुरों में ढूंढू हंसी तेरी
कुछ सुरों में वजह तेरी खामोशी की
शब्द अधूरे
लब्ज़ अधूरे
तुम बिन अधूरे है
सुर सारे संगीत के मेरे
एक लम्हे में आकर मेरे अरमानों में घुल गए जो
एक पल भर आगोश में मुझको
मीठी सरगोशी सी दिल में भर गई तुम
उस मीठी सी याद में डूबकर
धुन कोई मै बनाऊं
तुमको रख जहन् में मेरी
एक नया संगीत मैं बनाऊं
शब्द अधूरे
लब्ज़ अधूरे
तुम बिन अधूरे है
सुर सारे संगीत के मेरे
जो एक दफा तुम आजाओ रूबरू
कह दो दिल की उलझन सारी
कह दो इश्क तुम्हे भी है मुझ से
सुर सारे संगीत के
पूरे होगे फिर मेरे
खिल उठेंगे ऐसे दिल में
जैसे खिलती है कलिया गुलशन में
ख्वाबों में तो आते हो तुम
दुआओँ में भी होते हो शामिल
दिल की हर धड़कन में
और मुझ में हो रूह से शामिल
आ जाओ एक दफा भी जीवन में बनकर
तुम मेरी आशिकी
आशिकी में लिख देगे तेरी हम
इश्क की कहानी भी

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