जीवन पथ

अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें।

MONIKANAUTIYAL.jpeg

जीवन की परिभाषा सुन |
आँखे हुई नम ,छलकी जलधारा ||

पग के कंटक छू कर |
मन में एक आस भर आई ||

न विचलित हो पाऊ कभी मैं |
पग पग संभल जाऊ चलू मैं एक नई डगर ||

दूर बादलो की छाँव में |
देखूँ सूरज की उजली किरण ||

न ठंडी छाँव मिले तो कभी |
एक पल के लिए ठहर जाऊ मैं ||

साथ भी हो ऐसा ,बिलकुल अपने जैसा |
न घबराये कठिनाइयों में , संभाले सबको ऐसा सा ||

गुरु शिक्षा पा धन्य हुई मन की अभिलाषा |
कर्म पथ की प्रेरणा पा चली सारथी बनकर ||

मन – मन मुस्काती सी जीवन बगिया |
नित नए फूल खिलते महकता जीवन सारा ||

जीवन की परिभाषा सुन |
आँखे हुई नम छलकी जलधारा ||

द्वारा – मोनिका नौटियाल ( उत्तराखण्ड )

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top