हिन्द के नौजवानों आज हिंद है पुकार रहा
भर लो लहू में उबाल आज स्वराष्ट्र है पुकार रहा
खामोशी ये तोड़
सिंघ नाद बन गरजिए
देश के शत्रुओं को
शक्ति प्रबल ,अपनी दिखाइए
खोए नन्हे पुष्प हमने
नौजवान भी खोए कई
बहनों की मांग चीखी
नन्हें मुख से चीखे गूंजी
चीखों को उन मासूमों की
मन ज्वाला बनाइए
हिन्द के नौजवानों आज हिंद है पुकार रहा
भर लो लहू में उबाल आज स्वराष्ट्र है पुकार रहा
बर्फ की वादियों में बहती
रक्त धारा है प्रचंड हुई
उस रक्त धारा को
शक्ति का प्रचंड स्वरूप बनाइए
हिन्द के नौजवानों आज हिंद है पुकार रहा
भर लो कहूं में उबाल आज स्वराष्ट्र है पुकार रहा
तिरंगा लिपटा खून में
आज हमको पुकार रहा
खून के बदले खून बहे
यही है हम सब का हो नारा
हिन्द के नौजवानों आज हिंद है पुकार रहा
भर लो लहू में उबाल आज
स्वराष्ट्र है पुकार रहा
निरंजना डांगे
बैतूल मध्यप्रदेश