
किसी के लिए हम जरूरी हैं
तो किसी के लिए जरूरत
कभी कभी ये सब समझने
में सदियां लग जाती हैं
कि क्या सही है और
क्या गलत है
कौन अपना है और
कौन पराया है
अपनी अमूल्य भावनाओं को
ऐसी जगह खर्च करो
यहां भावनाओं की क़द्र हो
आपके कहे हुए शब्दों से
किसी को ठेस न पहुँचे
उन लोगों से रिश्ता जोड़ो
जो आपका साथ नहीं
छोड़ना चाहते
जो आपके ही करीब
रहना चाहते हैं
उन लोगों से दूरियां नहीं
नजदीकियां बढ़ाओ
जो आपसे प्यार करते हैं
जो खुद से ज्यादा
आपकी परवाह करते हैं
उनको समझने में कभी
भूल मत करो
जो तुमसे निस्वार्थ
प्रेम करते हैं.।।

+2