चलो सब भाग चले, सरकार को छोड़,
होगा आसान हमारा गुजारा,है लगता नहीं,
ये ख़बर फैल रही, हर तरफ़ मेरे यारों,
है बदली सरकार,अब किसी की खैर नहीं,
जो लूट लिए,और किया आनंद हमनें,
ग़र जांच हुआ,कोई साथ अपना देगा नहीं,
सुन लो मेरे साथी, निकल लो अब भी,
है सरकार के मंसूबे,लगते अब ठीक नहीं!
शान से जो चल रही थी जिंदगी यारों,
हुआ छेद जहाज में,बचने का मौका नहीं!
जो साथ दे रहे थे अपने कारनामों में,
है वही कह रहे निकल लो,अब खैर नहीं!
की कोशिश, सत्ता अपनी बचा लेंगें,
है हुआ ऐलान, लूटने वाले तेरी खैर नहीं!
अब किसी की खैर नहीं…….
अब किसी की खैर नहीं…….
-डॉ.सूर्य प्रताप राव रेपल्ली