जब तुम इस धरा पर आई थी
घर में मातम छाया था
तुम्हारी दीदी के बाद एक और लड़की घर में आई थी
मम्मी के चेहरे पर दबी हुई खुशी थी
एक गुड़िया के रूप में उनकी छवि फिर से आई थी
पापा के लिए एक नन्ही परी फिर से आई थी
रिश्तेदार लोग आए थे, एक लक्ष्मी का बहाना लेकर
दादी का मुंह फूल गया था तुम्हारे आने से
मेरे जन्म के समय भी लड़की न चाहती सबने दादी को बहाना मिला था
मम्मी को लड़की होने का ताना मिला था
लेकिन किसी को क्या पता था मेरी जान
तुम मेरे लिए ही इस दुनिया में आई थी
और मेरे लिए जमाने भर की खुशियां लाई थी
