इंजी. रत्नेश गुप्ता

जब तुम इस धरा पर आई थी

अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें।

1000082821.jpg

जब तुम इस धरा पर आई थी
घर में मातम छाया था
तुम्हारी दीदी के बाद एक और लड़की घर में आई थी
मम्मी के चेहरे पर दबी हुई खुशी थी
एक गुड़िया के रूप में उनकी छवि फिर से आई थी
पापा के लिए एक नन्ही परी फिर से आई थी
रिश्तेदार लोग आए थे, एक लक्ष्मी का बहाना लेकर
दादी का मुंह फूल गया था तुम्हारे आने से
मेरे जन्म के समय भी लड़की न चाहती सबने दादी को बहाना मिला था
मम्मी को लड़की होने का ताना मिला था
लेकिन किसी को क्या पता था मेरी जान
तुम मेरे लिए ही इस दुनिया में आई थी
और मेरे लिए जमाने भर की खुशियां लाई थी

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top