इंजी. रत्नेश गुप्ता

हमारे साथ ऐसा ही होता है

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इंजी. रत्नेश गुप्ता

हम लड़के हैं जनाब, हमारे साथ ऐसा ही होता है
कोई दहेज एक्ट में फंस जाता है
कोई अतुल सुभाष की तरह घुट-घुट के मरता
कोई मानव शर्मा की तरह पुरुषों की व्यथा कहता है
कोई सौरव राजपूत की तरह ड्रम में कटा और मारा जाता है
हम लड़के हैं जनाब, बचपन से घर की जिम्मेदारियों का बोझ उठा के निकल पड़ते हैं
अपना करियर बनाने के लिए, फिर करियर बनते ही हमें खरीदा जाता है
दहेज की बेड़ियों में, कोई-कोई जुदाई का अनिल कपूर भी बन जाता है
हम लड़के हैं जनाब, हमारे साथ ऐसा ही होता है

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