पं.जमदग्निपुरी

फर्क साफ नजर आता है -पं.जमदग्निपुरी

अपने दोस्तों के साथ अवश्य साझा करें।

पं.जमदग्निपुरी- पहले हमारे देश भारत में बड़े बड़े अपराधी आतंकवादी बड़े बड़े कांड करके देश से फरार हो जाते थे|वो ऐसे देश में जाते थे,जहाँ से भारत और उस देश से प्रत्यर्पण की संधि नहीं रहती थी|उसी में एक देश अमेरिका भी था|अमेरिका की खास बात यह थी कि वह किसी भी देश के दुर्दांत अपराधी को, जो उसके यहाँ किसी तरह पहुँच जाता था|उसे किसी भी कीमत पर उस देश को नहीं सौंपता था|ए पहली बार शायद हो रहा है कि अमेरिका किसी दुर्दांत अपराधी को भारत को सौंप रहा है|यह भारत की उभरती ताकत और सशक्त विदेश नीति का परिणाम है|आज भारत को बहुत ही असहनीय दर्द देने वाला तहव्वुर राणा आखिर में मिल ही गया|भारत के जख्म पर थोड़ा सा मरहम लग गया|वर्तमान सरकार जब से सत्ता सम्हाली है|यह फर्क साफ नजर आ रहा है|जिस देश से प्रत्यर्पण संधि नहीं थी उस देश से भी प्रत्यर्पण संधि करके लगभग देश छोड़कर भागने वालों के रास्ते बंद कर दिये हैं|आर्थिक अपराधियों के ऊपर भी नकेल कस दी है|जैसे विजय माल्या नीरव मोदी आदि बैंको से लोन लेकर भाग लिए|अब नहीं भाग सकते|क्योंकि पिछली सरकारों ने जो ऐसे अपराधियों को भागने की छूट दे रखी थी|बर्तमान सरकार ने उस पर लगाम लगा दी है|अब बड़ा बैंकिग फ्राड करके कोई भारत से भाग नहीं सकता|और कोई अपराधी आतंकी बच नहीं सकता|यह बहुत बड़ा फर्क है जो भारत में आया है,वह 2014 के बाद ही आया है|जो तहव्वुर राणा कनाडाई नागरिक बनकर अब तक बचा रहा,वह आज भारत के चंगुल में आ गया|यह भारत सरकार की विदेश नीति की जीत है|
आज मुम्बई की वह 26-11-2008 की काली और भयावह रात याद आ रही है,जब सैकड़ों निर्दोष भारतीय काल कवलित हुए थे|जिसकी बदौलत हुए थे वह 17 साल बाद आज भारत की पकड़ में आया|इस पर भी पूर्ववर्ती सरकार के व वर्तमान विपक्ष के लोग खुश नहीं हैं|क्योंकि यही वो लोग थे जो,उस कांड को हिन्दू आतंकवाद से जोड़कर लोगों को बताने की पूरी कोशिस किये थे|वो तो भला हो उन वीर शहीदों को,जो इन धुर्तों की चाल को कामयाब नहीं होने दिए|जान की बाजी लगाकर एक जीवित आतंकी को पकड़ ही लिए|और कुत्सित चाल चलने वालों को व हिन्दू को बदनाम करने वालों की सफलता पर पानी फेर दिए|आज यही फर्क तब और अब में साफ नजर आ रहा है|तब आतंकवादियों की मेहमान नवाजी होती थी|अब ठुकाई होती है|तब शहर दर शहर आतंकवादी गतिविधियाँ चलती थी|अब विकास की बयार बह रही है|और आतंकी नक्सली अपनी अंतिम साँसे गिन रहे हैं|
एक छोटा सा देश इजराईल है,वह अपने नागरिकों का बदला बिना किसी दबाव के तुरंत लेता है|जब भी उसकी अस्मिता पर चोट होती है तो वह बेझिझक बिना देर किए चोट पहुँचाने वाले देश को ऐसी चोट देता है कि उसकी कई पुस्तें उसे याद रखती हैं|अभी पिछले दिनों ही फिलिस्तीनियों ने सुनियोजित ढंग से उसके नागरिकों पर कई तरफ से ताबड़तोड़ हमले करके उसे काफी क्षति पहुँचाई|उसने बिना देर किए फिलिस्तीन ही नहीं उसके समर्थक देशों को भी कठोर दंड दिया और दे रहा है|अपने अपहृत नागरिकों की रिहाई के लिए वह अब तक हमास के हजारों लड़ाकों हिजबुल के हुती के सैकड़ों लड़ाकों की बलि ले चुका है|क्षति तो इतनी पहुँचाई है कि उन देशों को सम्हलने में वर्षों लग जायेंगे|पता नहीं सम्हल भी पायेंगे कि नहीं|लेकिन वहीं हमारी पिछली सरकारें आतंकियों को बचाने में और हिन्दू आतंकवाद गढ़ने में देश का समय और पैसा दोनों बर्वाद करती रहीं|वहीं इजराईल ने इजराईल को नुकसान पहुँचाने वालों को उनकी माई नानी यहाँ तक की कई पुस्तें याद दिला दी|भारत और इजराईल में विगत में यह बहुत बड़ा फर्क था|मगर पिछले कुछ अर्से से जब से भारत में सच में भारत की सरकार बनी है,तब से यहाँ भी अब आतंकियों की नानी याद आने लगी है|और भारतियों को उम्मीद जगी है कि यह सरकार जल्द ही आतंक और नक्सल से निजात दिलायेगी|यह फर्क तब और अब में साफ नजर आ रहा है|पहले हर जगह यह बात लिखी रहती थी कि किसी भी लावारिस वस्तु को न छूवें|यह बम हो सकती है|आपकी सिट के नीचे भी बम हो सकता है|हर जगह भय व्याप्त था|लोग सुबह घर से निलते थे,शाम को घर पर पहुँचने के बाद ही सकून की साँस लेते थे|आज सभी विन्दास चल रहे हैं|यह सम्भव किया है तो,इस सरकार ने किया है|यह फर्क आज साफ नजर आ रहा है कि लोग भयहीन हर जगह आ जा रहे हैं|यह भय नहीं सता रहा है कि शाम को सकुशल घर पहुँचेंगे कि नहीं|
आज जब तहव्वुर राणा भारत के शिकंजे में आया है तो आज का विपक्ष पता नहीं खुश क्यों नहीं है|उसे तहव्बुर राणा की भारत के शिकंजे में आने की खुशी नहीं है|वह यह कहने में लगा हुआ है कि विजय माल्या व नीरव मोदी को भी ले आओ,जो इनकी ही गलत नीतियों के चलते धीरे से भाग लिए|यदि ये लोग आज की तरह नियम बनाये होते तो वो लोग भाग ही नहीं सकते थे|इसके बावजूद भी वर्तमान सरकार उनकी ऐसी तैसी कर रखी है|और वे भी शीघ्र भारत के शिकंजे में होंगे|यह हम भारतियों को भरोसा है|यह भरोसा इस सरकार ने हम भारतियों में जगाया है|
मुम्बई में जब 26-11-2008 में भीषण आतंकी हमला हुआ था तो तत्कालीन सरकार आतंकियों को बचाने और हिन्दू आतंकवाद को गढ़ने में मशगूल थी|वहीं वर्तमान सरकार ने हर आतंकी हमले के बाद आतंक का पोषण करने वाले देश की ऐसी तैसी कर दी|विगत सरकारें उस देश का कुछ नहीं उखाड़ पा रही थीं|देश के नौजवान सैनिक आफिसर मारे काटे जाते थे|तत्कालीन सरकारें बस कठोर जवाब देकर अपनी इति श्री मान लेती थीं|वर्तमान सरकार एक अभिनंदन के लिए आतंक को पोषित करने वाले देश की बैंड बजा दी|उसे इतना मजबूर कर दिया कि वो घुटने के बल अभिनंदन को सकुशल रात भीतर में ले आकर भारत को सौंप दिया|यह फर्क तब और अब में साफ नजर आ रहा है|इसलिए आज का विपक्ष तहव्वुर राणा की गिरफ्तारी से खुश नहीं है|लेकिन हर सच्चा भारतीय आज बहुत खुश होगा|उस दिन तो और खुश होगा,जब वह सारे राज उगलेगा|और उसको उसके किए की उचित सजा मिलेगी|

पं.जमदग्निपुरी

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top