INKALAB PUBLICATION

विजय गर्ग की अनोखी कहानी – पति के नोट्स

यदि पत्नी का काम और व्यक्तित्व अलग पहचान बनाने लगता है, तो फिर एक पति को जलन क्यों होने लगती है? एक पति क्यों चाहता है कि उस की पत्नी ताउम्र उस की दासी बन कर रहे… दूसरे शादीशुदा लोगों की तरह मैं भी एक पति हूं. कुछ साल पहले मैं भी एक आम आदमी […]

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विजय गर्ग की कहानी – दुल्हन पर लगा दांव

माया के प्रेम के चलते रवि राउत ने अपनी शादी से पहले ही होने वाली दुलहन सुलेखा की हत्या की योजना बना ली थी. शादी के बाद माया और उस ने सुलेखा को मारने की कोशिश भी की लेकिन. सुर्ख जोड़े में सजी नईनवेली दुलहन सुलेखा दोस्त जैसे पति रवि राउत को पा कर बहुत

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जितेन्द्र नाथ मिश्र की कहानी – बदला

कहानी आज से बीस वर्ष पहले की है।सुलेखा ने एक बच्चे को जन्म दिया । नर्स ने कहा मुबारक हो सुलेखा ।आपको बेटा हुआ है। सुनते ही उसकी आंखों में अजीब सी चमक दिखाई दी। लगा अब उसकी तपस्या निश्चित रूप से पुरी होगी। अस्पताल से नाम कटने के समय बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनाने

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मीनू अग्रवाल की कहानी -नियामत

राहुल अपनी पत्नी मृदुला पर चिल्ला रहा था,” आज फिर वही खाना! वही रोटी, वही दाल, वही सब्जी!!! तुम्हें और कुछ बनाना भी आता है या नहीं? रोज वही रोटी – दाल खाते-खाते मैं ऊब गया हूं ।” कहकर राहुल बिना कुछ खाए तमतमाएं अपने काम पर चले गए। तभी अचानक दरवाजे पर घंटी बजी।

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सोनिया दत्त पखरोलवी की कहानी – दर्द से राहत

बीमार सुशील के सिर पर गीली पट्टियाँ रखते हुए रीना की आँखों में चिंता गहरी होती जा रही थी । बुखार था कि उतरने का नाम ही नहीं ले रहा था, और ऊपर से दवाई के लिए पैसे भी नहीं थे । आखिर, रीना से रहा न गया । उसने सुशील की अध्यापिका को फोन

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डॉ. नीरज पखरोलवी की कहानी -अपनों की बेरुखी

अमोल लुधियाना की एक साइकिल कंपनी में काम करता था और हाल ही में छुट्टी लेकर गाँव आया था । इन दिनों गाँव में भागवत कथा का आयोजन चल रहा था । एक रात, आरती में शामिल होने के लिए जब वह घर से निकला, तो रास्ते में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई । लड़खड़ाते

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श्रीमति आरती बड़ोदे ‘प्रियाश्री’ मेहरा की कहानी – अद्भुत चमत्कार

यह कहानी केवल सत्यता पर आधारित है। क्योंकि यह मेरे अपने मायके की खबर एक घटनाक्रम में है। आज मैं यहां लगभग पांच वर्ष पहले की बात बताना चाहती हूं। मध्यप्रदेश के जिला छिंदवाड़ा की तहसील परासिया में मेरा मायका है। और मेरे मायके में मेरी छोटी बहन की शादी डेहरिया समाज में तय हुई

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श्रीमति प्रेमली बड़ोदे ‘प्रेमश्री’ मेहरा की कहानी – कर्म का फल

यह एक काल्पनिक कहानी है। जिसके अनुसार प्राचीनकाल में रामपुर नामक एक गांव में एक मजदूर और गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में एक बूढ़ा आदमी जिसका नाम नंदलाल था वह अपनी पत्नी जुगनी और एक नौजवान बेटा नंदू के साथ रहता था। इतिहास गवाह है कि पहले अनाज के भी लाले पड़े थे

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मनलाल बड़ोदे ‘राधेप्रेम’ मेहरा की कहानी – सोन चिड़िया

एक सोनगांव नामक गांव में एक पंडित का पुस्तैनी घर था। जहां दोनो पंडित और पंडिताइन खुशी से अपना जीवन यापन कर रहे थे। क्योंकि उनकी कोई संतान नही थी। एक दिन पंडित ने पंडिताइन से बोला कि आपका समय गांव के मंदिर में पूजा पाठ करना और लोगो के यहां कथा पूजन पाठ करके

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महादेव मुंडा की कहानी – एक अंतहीन इंतजार

किसी अजनबी से बिना कारण जाने कभी मुलाकात हो जाए, नज़र मिल जाए, फिर बात हो जाए, और बाद में उससे एक घनिष्ठता बन जाए—शायद यही इत्तिफ़ाक़ है। पहली बार उसे जब देखा, वह भी एक ऐसा ही इत्तिफ़ाक़ था। अजीब सा अहसास हुआ। फिर बिना ख़्याल आए सबकुछ यूं ही हवा के झोंके की

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