inquilab publication

कहानी:  अजनबी खिड़की

रेखा को वो पुराना घर किराए पर मिला था—शहर की हलचल से थोड़ा दूर, शांत और पेड़ों से घिरा हुआ। एक लेखक के लिए इससे अच्छी जगह क्या होती? एकांत, शांति और समय। घर में सब कुछ ठीक था, बस ऊपर की एक खिड़की अजीब लगती थी। वो खिड़की बाहर की ओर खुलती थी, लेकिन […]

0

कहानी:  अजनबी खिड़की Read More »

कहानी
दुर्दिन

दुर्दिन

” भाई जरा वो वाली साड़ी निकालना ” दुकानदार से यह कहते हुए जिग्नेश अन्य वस्तुओं की खरीद दारी में लग गया। घर से मां का फोन आया था की ” जिगर बबुआ इस बार होली पर जरूर से आ जाओ , बहुत दिन होइ गवा तुमका देखे। हाँ मां उसे प्यार से जिगर ही

0

दुर्दिन Read More »

कहानी
डॉ. हरिदास बड़ोदे 'हरिप्रेम' मेहरा

डॉ. हरिदास बड़ोदे ‘हरिप्रेम’ मेहरा की मार्मिक कहानी -अजब प्रेम की गजब कहानी

लेखक की कलम आज केवल अपने वास्तविक जीवन पर ही कुछ लिखने को मजबूर है। अजब प्रेम की गजब कहानी, लेखक की जुबानी और लेखक की कहानी में दिल की गहराई को समझना कोई खेल नहीं है। लेखक के संघर्षमय जीवनकाल के एक संक्षिप्त अंश का वर्णन किया गया है। और यहां एक वास्तविकता के

+1

डॉ. हरिदास बड़ोदे ‘हरिप्रेम’ मेहरा की मार्मिक कहानी -अजब प्रेम की गजब कहानी Read More »

कहानी

विजय गर्ग की कहानी: उड़ान

अपनी नईनवेली पत्नी को गांव में छोड़ कर कपिल शहर लौट गया. वहां ज्यादा तनख्वाह की चाह में उस ने मोहिनी के यहां नौकरी कर ली. पर मोहिनी के इरादे तो कुछ और ही थे. कपिल का नईनवेली पत्नी को छोड़ कर ड्यूटी पर जाने का जरा भी मन नहीं था. शादी के लिए उस

0

विजय गर्ग की कहानी: उड़ान Read More »

कहानी

विजय गर्ग की कहानी: अकेली लड़की

रूबीना का रिजर्वेशन जिस बोगी में था, उसमें लगभग सभी लड़के ही थे । टॉयलेट जाने के बहाने रुबिना पूरी बोगी घूम आई थी, मुश्किल से दो या तीन औरतें होंगी । मन अनजाने भय से काँप सा गया। पहली बार अकेली सफर कर रही थी, इसलिये पहले से ही घबराई हुई थी। अतः खुद

+1

विजय गर्ग की कहानी: अकेली लड़की Read More »

कहानी

विजय गर्ग की कहानी: वही खुशबू

भैरों सिंह का बीमारों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना एक पहेली बना हुआ था. वह किसी भी व्यक्ति की, चाहे वह अपरिचित ही क्यों न हो, स्वयंसेवक की तरह सहायता करता था. कुछ लोग इसे उस की पीने की लत से जोड़ते. पर, क्या वास्तविकता यही थी? बहुत दिनों से सुनती आई थी

0

विजय गर्ग की कहानी: वही खुशबू Read More »

कहानी

प्रज्ञा तिवारी की कहानी – आत्मनिर्भर

कभी-कभी थोड़ी ऊंचाई पर पहुँच जाना भी व्यक्ति के लिए भयानक बन जाता है।जब व्यक्ति के व्यवहार में लोगों को प्रभावित करने के लिए कोई हुनर न हो।स्वयं के बल पर समाज के साथ चल पाना एक चुनौती भरा कार्य होता है।और जिस व्यक्ति के विचार में समाज को बदलने की क्षमता जाग्रत हो गई

+1

प्रज्ञा तिवारी की कहानी – आत्मनिर्भर Read More »

कहानी, लघुकथा

प्रज्ञा तिवारी की कहानी – प्रायश्चित

आज भावनाओं में दर्द और दर्द में कड़वाहट भर उठा था।स्वर मौन औऱ ह्रदय में चीत्कार,जेहन में जहर भर गया था।ओह! शायद मैंने उसका जहर चख लिया था। आज आँखे चाँद नही देख रही थी,चाँदनी रात जैसे छल रही थी।जो कभी भावनाओं को गुलाबी करती थी। इस शरद रात में बिस्तर पहाड़ी ढलानों पर बिछा

0

प्रज्ञा तिवारी की कहानी – प्रायश्चित Read More »

कहानी, लघुकथा

विजय गर्ग की अनोखी कहानी – पति के नोट्स

यदि पत्नी का काम और व्यक्तित्व अलग पहचान बनाने लगता है, तो फिर एक पति को जलन क्यों होने लगती है? एक पति क्यों चाहता है कि उस की पत्नी ताउम्र उस की दासी बन कर रहे… दूसरे शादीशुदा लोगों की तरह मैं भी एक पति हूं. कुछ साल पहले मैं भी एक आम आदमी

0

विजय गर्ग की अनोखी कहानी – पति के नोट्स Read More »

कहानी, लघुकथा

विजय गर्ग की कहानी – दुल्हन पर लगा दांव

माया के प्रेम के चलते रवि राउत ने अपनी शादी से पहले ही होने वाली दुलहन सुलेखा की हत्या की योजना बना ली थी. शादी के बाद माया और उस ने सुलेखा को मारने की कोशिश भी की लेकिन. सुर्ख जोड़े में सजी नईनवेली दुलहन सुलेखा दोस्त जैसे पति रवि राउत को पा कर बहुत

0

विजय गर्ग की कहानी – दुल्हन पर लगा दांव Read More »

कहानी, लघुकथा

जितेन्द्र नाथ मिश्र की कहानी – बदला

कहानी आज से बीस वर्ष पहले की है।सुलेखा ने एक बच्चे को जन्म दिया । नर्स ने कहा मुबारक हो सुलेखा ।आपको बेटा हुआ है। सुनते ही उसकी आंखों में अजीब सी चमक दिखाई दी। लगा अब उसकी तपस्या निश्चित रूप से पुरी होगी। अस्पताल से नाम कटने के समय बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनाने

0

जितेन्द्र नाथ मिश्र की कहानी – बदला Read More »

कहानी, लघुकथा

मीनू अग्रवाल की कहानी -नियामत

राहुल अपनी पत्नी मृदुला पर चिल्ला रहा था,” आज फिर वही खाना! वही रोटी, वही दाल, वही सब्जी!!! तुम्हें और कुछ बनाना भी आता है या नहीं? रोज वही रोटी – दाल खाते-खाते मैं ऊब गया हूं ।” कहकर राहुल बिना कुछ खाए तमतमाएं अपने काम पर चले गए। तभी अचानक दरवाजे पर घंटी बजी।

0

मीनू अग्रवाल की कहानी -नियामत Read More »

कहानी, लघुकथा

सोनिया दत्त पखरोलवी की कहानी – दर्द से राहत

बीमार सुशील के सिर पर गीली पट्टियाँ रखते हुए रीना की आँखों में चिंता गहरी होती जा रही थी । बुखार था कि उतरने का नाम ही नहीं ले रहा था, और ऊपर से दवाई के लिए पैसे भी नहीं थे । आखिर, रीना से रहा न गया । उसने सुशील की अध्यापिका को फोन

+2

सोनिया दत्त पखरोलवी की कहानी – दर्द से राहत Read More »

कहानी, लघुकथा

डॉ. नीरज पखरोलवी की कहानी -अपनों की बेरुखी

अमोल लुधियाना की एक साइकिल कंपनी में काम करता था और हाल ही में छुट्टी लेकर गाँव आया था । इन दिनों गाँव में भागवत कथा का आयोजन चल रहा था । एक रात, आरती में शामिल होने के लिए जब वह घर से निकला, तो रास्ते में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई । लड़खड़ाते

0

डॉ. नीरज पखरोलवी की कहानी -अपनों की बेरुखी Read More »

कहानी, लघुकथा

श्रीमति आरती बड़ोदे ‘प्रियाश्री’ मेहरा की कहानी – अद्भुत चमत्कार

यह कहानी केवल सत्यता पर आधारित है। क्योंकि यह मेरे अपने मायके की खबर एक घटनाक्रम में है। आज मैं यहां लगभग पांच वर्ष पहले की बात बताना चाहती हूं। मध्यप्रदेश के जिला छिंदवाड़ा की तहसील परासिया में मेरा मायका है। और मेरे मायके में मेरी छोटी बहन की शादी डेहरिया समाज में तय हुई

0

श्रीमति आरती बड़ोदे ‘प्रियाश्री’ मेहरा की कहानी – अद्भुत चमत्कार Read More »

कहानी, लघुकथा

श्रीमति प्रेमली बड़ोदे ‘प्रेमश्री’ मेहरा की कहानी – कर्म का फल

यह एक काल्पनिक कहानी है। जिसके अनुसार प्राचीनकाल में रामपुर नामक एक गांव में एक मजदूर और गरीब परिवार रहता था। उस परिवार में एक बूढ़ा आदमी जिसका नाम नंदलाल था वह अपनी पत्नी जुगनी और एक नौजवान बेटा नंदू के साथ रहता था। इतिहास गवाह है कि पहले अनाज के भी लाले पड़े थे

0

श्रीमति प्रेमली बड़ोदे ‘प्रेमश्री’ मेहरा की कहानी – कर्म का फल Read More »

कहानी, लघुकथा

मनलाल बड़ोदे ‘राधेप्रेम’ मेहरा की कहानी – सोन चिड़िया

एक सोनगांव नामक गांव में एक पंडित का पुस्तैनी घर था। जहां दोनो पंडित और पंडिताइन खुशी से अपना जीवन यापन कर रहे थे। क्योंकि उनकी कोई संतान नही थी। एक दिन पंडित ने पंडिताइन से बोला कि आपका समय गांव के मंदिर में पूजा पाठ करना और लोगो के यहां कथा पूजन पाठ करके

0

मनलाल बड़ोदे ‘राधेप्रेम’ मेहरा की कहानी – सोन चिड़िया Read More »

कहानी, लघुकथा

महादेव मुंडा की कहानी – एक अंतहीन इंतजार

किसी अजनबी से बिना कारण जाने कभी मुलाकात हो जाए, नज़र मिल जाए, फिर बात हो जाए, और बाद में उससे एक घनिष्ठता बन जाए—शायद यही इत्तिफ़ाक़ है। पहली बार उसे जब देखा, वह भी एक ऐसा ही इत्तिफ़ाक़ था। अजीब सा अहसास हुआ। फिर बिना ख़्याल आए सबकुछ यूं ही हवा के झोंके की

0

महादेव मुंडा की कहानी – एक अंतहीन इंतजार Read More »

कहानी, लघुकथा

राकेश राकेश बैंस (भा.रे.इ.से.) की कहानी – अनमोल उपहार

ईश्वरदास माधोपुर गांव में अपनी पत्नी सावित्री के साथ रहता था और वह माधोपुर के पास ही, लगभग पाँच किलोमीटर दूर, एक दूसरे गांव बसोली में सरकारी हाई स्कूल में इतिहास का अध्यापक था। शादी के डेढ़ साल बाद ईश्वरदास के घर एक पुत्र की प्राप्ति हुई, जिसका नाम उन्होंने युगदेव रखा। युग के आने

0

राकेश राकेश बैंस (भा.रे.इ.से.) की कहानी – अनमोल उपहार Read More »

कहानी, लघुकथा

कविराज मुकेशाऽमृतम् की कहानी – विश्वमहामारी

आज हम जिस देश को एशिया का ‘मरीज’ कहते हैं,या उसे एशिया के ‘मरीज’ के नाम से जानते हैं। कुछ लोग तो उसे सोया हुआ ‘शैतान’ भी कहते हैं। वह वास्तव में ही एशिया का मरीज हैं। जोन्स “अब वह एशिया ही नहीं वरन सम्पूर्ण विश्व का मरीज हैं।” डाल “वह केवल मरीज ही नहीं,

0

कविराज मुकेशाऽमृतम् की कहानी – विश्वमहामारी Read More »

कहानी
Shopping Cart