सच्ची सुंदरता
लघुकथा सच्ची सुंदरता वो झुर्रियों भरी काया आज उदास बैठी थी कंपकपाते हाथों के साथ खुद को दर्पण में देख व्याकुल हो रही थी दर्पण यथार्थ को उजागर कर रहा था और चिढ़ाते हुए काया से बोला :_बोल मेरी सुंदरी आज नहीं इठलाएगी,आज नहीं खुद को निहार निहार कर घमंड के सागर में डुबकी लगाएगी,आज […]