kumar vishwas kavita

हाइकु कविता

‘राना लिधौरी’ के #हाइकु:- (1) दुष्ट लोग तो, सदा कमी देखते। दूसरों में ही।। *** (2) दुख देखके सदा ही खुश होते। दूसरों में ही।। *** (3) खुद के दोष दूसरों में ही झाँके। खुद को आं आँके।। *** हाइकुकार- राजीव नामदेव “राना लिधौरी” संपादक “आकांक्षा” पत्रिका संपादक- ‘#अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका जिलाध्यक्ष म.प्र. […]

हाइकु कविता Read More »

अब तो हो बस आर या पार….. इस कविता ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दिया , हर हिन्दुस्तानी को यह कविता जरूर पढ़नी चाहिए

कविता – है हर दिल की यही पुकार,अब तो हो बस आर या पार….. थी जो हरियाली से भरी, हमारी पावन धरती कभी, इन नापाक इरादों ने कर दिया इसे है खून से लाल! हर दिल धड़क रहा था, सुकून से इस धरा पर यारों, है आज बेचैन हर घर परिवार, इस धरती का लाल!

अब तो हो बस आर या पार….. इस कविता ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखा दिया , हर हिन्दुस्तानी को यह कविता जरूर पढ़नी चाहिए Read More »

हिन्दी दोहे- उदित करो शुभ कर्म

राना कहता आपसे,उदित करो शुभ कर्म। इसके पहले आपको,पड़े निभाना धर्म। हर कामों के धर्म हैं,जिनको कहें उसूल। राना होते है उदित,उसी तर्ज पर फूल।।   अंतराल से मित्र जब,आकर दे सम्मान। आज उदित कैसे हुए,हँसता राना आन।। अस्ताचल के बाद ही,सदा उदित हो भान। राना यह संसार का,सबसे सुंदर गान।।   अब गुदड़ी के

हिन्दी दोहे- उदित करो शुभ कर्म Read More »

दास्तान-ए-एहबाब

दास्तान-ए-एहबाब मैं गहरा और गहरा, गहराता जा रहा हूँ, अब क्या छुपाना, मैं खुदा के पास जा रहा हूँ! ना रोको मुझे के अब बढ़े क़दम मेरे, जाने दो मुझको मैं जहाँ जा रहा हूँ! ना घबराओ तुम ना जाऊँगा इस जहानं से, बस घड़ी दो घड़ी में लौट कर आ रहा हूँ! हंसता है

दास्तान-ए-एहबाब Read More »

A calming image of the full moon rising over a tree silhouette during twilight.

तू मुझे चाँद सा लगता है

तू मुझे चाँद सा लगता है या यूँ कहूँ पूरा आसमान सा लगता है तेरा मुझको नहीं पता मगर… मुझको तू मेरे ईमान सा लगता है   तुझे मान चुका हु मैं आपनी दुनिया तु मुझे दुनिया जहांन सा लगता है तुझसे ही जुदी है मेरी सारी खुशिया तु मुझे मेरी खुशियो का सामान सा

तू मुझे चाँद सा लगता है Read More »

मन

जुड ही जाता हूँ किसी ना किसी रूप में उससे निहित है सकल जीवन का सार व भावों का सागर जिससे यादों की बारात लेकर कुछ अनकही बातों की यादें संजोकर नाचतें हुए स्मृतियाँ भी उसके अभावों में जैसे मन के मधुर पथ पर मंगल गीत गाती हो सकल तारामंडल भी दमकते हुए आलोक से

मन Read More »

भक्ति गीत- कभी तो कृपा करेंगे नाथ

(भक्ति-गीत: आत्मा से परमात्मा की यात्रा)मैं अपनी निम्न मौलिक व स्वरचित रचना आपके विचार के लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ ।यह भक्ति गीत एक तरह से एक अंतर्यात्रा की तरह है । आप भी डूबिये इसमें ) कभी तो हाथ धरेंगें नाथ, कभी तो कृपा करेंगे नाथ, इन साँसों में धड़केंगे नाथ, हमारे मन थिरकेंगें

भक्ति गीत- कभी तो कृपा करेंगे नाथ Read More »

सारे जग के सच्चे बच्चे

सारे जग के सच्चे बच्चे , होते मन के सच्चे बच्चे , बड़े हीं नटखट होते बच्चे , बड़े हीं शरारत होते बच्चे , सारे जग के सच्चे बच्चे । मन लगाकर पढ़ते सारे बच्चे , जिद्दी से बाज नहीं आते बच्चे , शरारती से बाज नहीं आते बच्चे, खुब करते पढ़ाई , जग के

सारे जग के सच्चे बच्चे Read More »

जीवन पथ

जीवन की परिभाषा सुन | आँखे हुई नम ,छलकी जलधारा || पग के कंटक छू कर | मन में एक आस भर आई || न विचलित हो पाऊ कभी मैं | पग पग संभल जाऊ चलू मैं एक नई डगर || दूर बादलो की छाँव में | देखूँ सूरज की उजली किरण || न ठंडी

जीवन पथ Read More »

पुस्तक और हम

पुस्तक दिवस विश्व पुस्तक दिवस आया है। पाठकों को मन को लुभाया है।। रस छंद अलंकार। जीवनी को हम सब पढ़ रहे हैं।। साहित्य को मन ही मन। गुन और मनन कर रहे हैं।। आगे क्या होगा? इस सोच रहे हैं ।। संवेदनाओं को महसूस कर रहे हैं। हम सभी को यह भाव वह विभोर

पुस्तक और हम Read More »

Shopping Cart
Scroll to Top