INKALAB PUBLICATION

विजय गर्ग की कहानी: उड़ान

अपनी नईनवेली पत्नी को गांव में छोड़ कर कपिल शहर लौट गया. वहां ज्यादा तनख्वाह की चाह में उस ने मोहिनी के यहां नौकरी कर ली. पर मोहिनी के इरादे तो कुछ और ही थे. कपिल का नईनवेली पत्नी को छोड़ कर ड्यूटी पर जाने का जरा भी मन नहीं था. शादी के लिए उस […]

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भारतीय साहित्य में समकालीन महिलाओं की आवाज़ें

भारतीय साहित्य में महिलाओं की आवाज विविध आख्यानों में योगदान करती है और सामाजिक मानदंडों को चुनौती देती है। भारत में महिलाओं के लेखन का विकास प्राचीन से समकालीन समय तक फैला हुआ है। यह यात्रा बदलती धारणाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण को दर्शाती है। ऐतिहासिक पृष्ठभूमि प्राचीन साहित्य प्राचीन भारत में, महिला कवियों और

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विजय गर्ग की कहानी: अकेली लड़की

रूबीना का रिजर्वेशन जिस बोगी में था, उसमें लगभग सभी लड़के ही थे । टॉयलेट जाने के बहाने रुबिना पूरी बोगी घूम आई थी, मुश्किल से दो या तीन औरतें होंगी । मन अनजाने भय से काँप सा गया। पहली बार अकेली सफर कर रही थी, इसलिये पहले से ही घबराई हुई थी। अतः खुद

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विजय गर्ग की कहानी: वही खुशबू

भैरों सिंह का बीमारों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहना एक पहेली बना हुआ था. वह किसी भी व्यक्ति की, चाहे वह अपरिचित ही क्यों न हो, स्वयंसेवक की तरह सहायता करता था. कुछ लोग इसे उस की पीने की लत से जोड़ते. पर, क्या वास्तविकता यही थी? बहुत दिनों से सुनती आई थी

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श्रीराम नवमी के उपलक्ष्य में साहित्यिक काव्यसंध्या एवं सम्मान समारोह संपन्न

रा.सा.सा.व सांस्कृतिक संस्था काव्यसृजन की 145वीं मासिक काव्यगोष्ठी प्रभु श्रीराम जी को समर्पित रही|प्रभु श्रीराम जी के जन्मदिन के पावन अवसर पर भव्य काव्य संध्या का आयोजन ऐरो एकाडमी सफेदपुल साकीनाका मुम्बई में आ.सदाशिव चतुर्वेदी जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई|संचालन “आत्मिक”श्रीधर मिश्र जी ने किया|मुख्य अतिथि सौ.पूजा अलापुरिया जी की गरिमामय उपस्थिति में महाराष्ट्र

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तीरगी मिटेगी उजाला भी आएगा

“ये तीरगी मिटेगी उजाला भी आएगा यानी कि कामयाबी भरा सवेरा भी आएगा राहों की मुश्किलों सें हार मत मानना, तेरी मंज़िल मिलेगी मिलने का मज़ा भी आएगा l”

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प्रज्ञा तिवारी की कहानी – आत्मनिर्भर

कभी-कभी थोड़ी ऊंचाई पर पहुँच जाना भी व्यक्ति के लिए भयानक बन जाता है।जब व्यक्ति के व्यवहार में लोगों को प्रभावित करने के लिए कोई हुनर न हो।स्वयं के बल पर समाज के साथ चल पाना एक चुनौती भरा कार्य होता है।और जिस व्यक्ति के विचार में समाज को बदलने की क्षमता जाग्रत हो गई

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प्रज्ञा तिवारी की कहानी – प्रायश्चित

आज भावनाओं में दर्द और दर्द में कड़वाहट भर उठा था।स्वर मौन औऱ ह्रदय में चीत्कार,जेहन में जहर भर गया था।ओह! शायद मैंने उसका जहर चख लिया था। आज आँखे चाँद नही देख रही थी,चाँदनी रात जैसे छल रही थी।जो कभी भावनाओं को गुलाबी करती थी। इस शरद रात में बिस्तर पहाड़ी ढलानों पर बिछा

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विजय गर्ग की अनोखी कहानी – पति के नोट्स

यदि पत्नी का काम और व्यक्तित्व अलग पहचान बनाने लगता है, तो फिर एक पति को जलन क्यों होने लगती है? एक पति क्यों चाहता है कि उस की पत्नी ताउम्र उस की दासी बन कर रहे… दूसरे शादीशुदा लोगों की तरह मैं भी एक पति हूं. कुछ साल पहले मैं भी एक आम आदमी

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विजय गर्ग की कहानी – दुल्हन पर लगा दांव

माया के प्रेम के चलते रवि राउत ने अपनी शादी से पहले ही होने वाली दुलहन सुलेखा की हत्या की योजना बना ली थी. शादी के बाद माया और उस ने सुलेखा को मारने की कोशिश भी की लेकिन. सुर्ख जोड़े में सजी नईनवेली दुलहन सुलेखा दोस्त जैसे पति रवि राउत को पा कर बहुत

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